धनबाद(DHANBAD): देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया की सबसे बड़ी इकाई भारत कोकिंग कोल् लिमिटेड(बीसीसीएल ) की संपत्तियों को माटी के मूल्य बेचने का आरोप लगाकर आंदोलन की शुरुआत कर दी गई है. राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन 15 फरवरी से 28 फरवरी तक बीसीसीएल के हर एक एरिया, हर ब्रांच स्तर पर विचार गोष्ठी, पदयात्रा, जनसंपर्क कर मजदूरों में जन जागरण फैलाने का काम शुरू कर दिया है. इसके बाद अगले महीने सत्याग्रह का कार्यक्रम होगा. इसके बाद बीसीसीएल मुख्यालय पर धरना का कार्यक्रम भी किया जाएगा.
क्या कह रहे है महामंत्री एके झा
राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन के महामंत्री एके झा ने कहा है कि केंद्र सरकार एमडीओ नीति पर चलकर बीसीसीएल की बहुमूल्य संपत्ति को पूंजीपतियों के स्वार्थ के लिए माटी के भाव बेच रही है. पूंजीपतियों के हवाले सभी कल -कारखाने, वाशरी , ओपन कास्ट प्रोजेक्ट, मजदूर कॉलोनी, कार्यालय भवन को किया जा रहा है. सरकार के फैसले से बीसीसीएल में कार्यरत कामगारों और उनके परिवार के लोग भयभीत है. कोयला मजदूरो के परिवार की सारी सुविधाएं काट ली गई है. शिक्षा ,स्वास्थ्य ,सामाजिक सुरक्षा को कम किया जा रहा है.
डीजीएमस को कर दिया गया है कमजोर
उनका आरोप है कि खान सुरक्षा महानिदेशालय(डीजीएमस ) जैसी महत्वपूर्ण संस्था की शक्ति को कमजोर कर दिया गया है. रोज 12 घंटे काम लेने की प्रक्रिया लगभग शुरू हो गई है. एक सप्ताह में 90 घंटे ड्यूटी लेने की योजना पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा है कि धनबाद के भविष्य पर भी खतरा पैदा हो गया है. रोजगार के अवसर बंद किये जा रहे है. श्रम कानून को पूंजी पतियों के हित में बदलकर मजदूरों की आवाज दवाई जा रही है. कहा है कि वर्तमान स्थिति में मजदूरों के पास एक ही विकल्प बच रहा है कि अपने अधिकार और न्याय की रक्षा के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चले. इसके लिए मजदूरों को जागरूक किया जा रहा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो