धनबाद(DHANBAD):धनबाद के विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर शुखदे व भोई के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद भी विश्वविद्यालय में कईयों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है .राज भवन ने विश्वविद्यालय के कम से कम तीन अधिकारियों से सीनेट हाल के लिए फर्नीचर खरीद मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. जिन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है ,उनमें विश्वविद्यालय के वित्त सलाहकार संजय कुमार वर्मा ,तत्कालीन रजिस्टर व वर्तमान प्रॉक्टर डॉक्टर सुधींता सिन्हा और तत्कालीन वित्त अधिकारी डॉक्टर मुनमुन शरण शामिल है. आरोप है कि धनबाद गोविंदपुर रोड स्थित एक फर्नीचर के शोरूम से विश्वविद्यालय के सीनेट हाल के लिए फर्नीचर की खरीद की गई.
तत्कालीन कुलपति को पदमुक्त करने की यह थी वजह
आरोप के मुताबिक इसके लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. राजभवन ने विश्वविद्यालय में स्पॉन्सरशिप और डोनेशन फंड से पांच लाख के खर्चे पर भी सवाल उठाया है. तीनों अधिकारियों से पूछा गया है कि इस फंड की राशि कहां खर्च की गई है. राजभवन ने इस फंड पर आपत्ति जताई थी. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस फंड के खाता को बंद करते हुए इसमें जमा करीब 8 करोड रुपए को विश्वविद्यालय के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया था. यही तत्कालीन कुलपति को पदमुक्त करने की बड़ी वजह बनी.
अभी डॉक्टर पवन कुमार पोद्दार कुलपति के प्रभार में
धनबाद का विनोद बिहारी महतो कोलांचल विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही विवादों में रहा.लंबे और कड़े संघर्ष के बाद धनबाद को विश्वविद्यालय मिला, लेकिन अस्तित्व में आने के साथ ही विवादों से इसका नाता जुड़ गया .कभी छात्र आंदोलन पर रहे तो कभी टीचरों में नाराजगी रही. ट्रांसफर ,पोस्टिंग में भी गड़बड़ियों की शिकायत की जाती रही. इंटर की पढ़ाई बंद करने को लेकर भी विश्वविद्यालय चर्चे में रहा. अभी डॉक्टर पवन कुमार पोद्दार कुलपति के प्रभार में हैं.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो