धनबाद(DHANBAD) : स्थानीय उत्पाद जब लोकल होंगे तो उनकी चर्चा तो होगी ही. गुणवत्ता अगर बेहतर होगी तो उत्पाद लोगों की जुबान पर चढ़ेंगे ही. ऐसा ही हो रहा है बकरी के दूध से बने साबुन का. स्थानीय स्तर पर इस साबुन के निर्माण के कारण लोगों की उत्सुकता भी इसे लेकर अधिक है और लोग खरीदने के इच्छुक भी है. इसका नजारा शनिवार को आईटीआई-आईएसएम के स्टार्टअप फेस्टिवल 'लोकल टू ग्लोबल' प्रदर्शनी में देखा गया. प्रदर्शनी में गाय की गोबर से बना दीया भी लोगों को आकर्षित कर रहा था. आईआईटी आईएसएम की ओर से इनोवेशन और क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप को प्लेटफार्म मुहैया कराया जा रहा है.
शनिवार का अभियान बढ़ता कदम है
शनिवार का अभियान इसी की ओर एक कड़ी है. अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर के सलाहकार डॉ अनंत कृष्णा ने आर्गेनिक साबुन के बारे में बताया कि इनमें बकरी के दूध का बना साबुन, नीम का साबुन, कॉफी साबुन स्कीन के लिए काफी फायदेमंद है. थोड़ा सा लगाने पर ही काफी झाग होता है. सभी तरह के परीक्षण के बाद ही इस उत्पाद को बाजार में उतारा गया है. 30 दिन तैयार करने में लगते हैं, दावा है कि इसे लगाने के बाद बॉडी लोशन व सन क्रीम लगाने की आवश्यकता नहीं है. उत्साह बढ़ाने निदेशक प्रो. राजीव शेखर भी पहुंचे.
आईआईटी-आईएसएम की बढ़ रही गतिविधियां
आपको बता दें कि आईआईटी-आईएसएम लगातार अपनी गतिविधियों को बढ़ाते हुए नए -नए उत्पादों के सृजन में लगातार प्रयोग कर रहा है. इन प्रयोगों के परिणाम भी अब सामने आने लगे है. स्थानीय स्तर पर भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का नए-नए उत्पाद के सृजन पर भरोसा बढ़ रहा है. हमारे आसपास जो चीजें,जो बेकार पड़ी होती है, उनका भी उपयोग कर उसे उत्पाद का रूप लगातार दिया जा रहा है.
