टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद राज्य में चंपई सोरेन की सरकार बनीं, महगाठबंधन की तरफ से चंपई ने 5 फरवरी को बहुमत की बाधा भी पार कर ली. जितना हल्ला-हंगामा मचाया जा रहा था, और ऑपरेशन लोटस को लेकर जो हवा उड़ी थी. सब के सब काफूर हो गयी और उसका नामोनिशान तक नहीं दिखा. बेशक , एक डर, आशंका और घबराहट की फिंजा उस दरम्यान बनीं थी. जिसके चलते निजामों के शहर हैदराबाद में जेएमएम और कांग्रेस के विधायक चले गये . लेकिन, हर खतरे को भी खत्म किया, जो सरकार बनाने की राह में अड़चने पैदा करती. तकरीबन 40 विधायकों के दल में हेमंत के छोट भाई बसंत भी गये थे .इन्हीं के जिम्मे इन्हें संभालने और ऑपरेशन लोटस के खतरे से लड़ने की चुनौती थी. दिशोम गुरु के तीसरे पुत्र और हेमंत सोरेन के छोट भाई वसंत ने अपनी काबिलयत यहां दिखायी और अपने मिशन को बखूबी अंजाम दिया.
डिप्टी सीएम की रेस में बसंत सोरेन
बसंत ने तो उन चुनौतियों और उन खतरों पर बेहतरीन काम किया .औऱ चंपई सरकार को फ्लोर टेस्ट पास करने में संकटमोचक के किरदार में नजर आए. साथ ही बसंत साबित भी कर गये कि, उनमे भी एक लीडरशीप की क्वालिटी और दमखम है. जो मुसीबत के वक्त पर अपने कंधे पर जिम्मेदारी ले सकेत हैं.
सरकार तो बन गयी, अब बात मंत्रिमंडल विस्तार पर अटकी है, जो शुक्रवार की शाम के बाद इसकी तस्वीर भी साफ हो जाएगी. हालांकि, मुश्किल वक्त में बसंत ने अपना रोल अदा किया. अब चर्चा तेज ये है कि सोरेन परिवार की तरफ से उन्हें भी मंत्री पद की जिम्मेदारी मिलेगी. जानकार मानते है कि हेमंत सोरेन के जाने के बाद बसंत को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. चर्चा तो ये भी की जा रही है कि दुमका विधायक बसंत को गृह विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभाग भी दिए जा सकते हैं.
शिबू सोरेन के छोटे बेटे हैं बसंत
झारखंड मुक्ति मोर्च में बसंत की अहमियत को कम नहीं आंका जा रहा है. इसके पीछे वजह सोरेन परिवार से संबंध होने के साथ-साथ हेमंत की गैर मौजूदगी में उनकी भागीदारी सरकार में अहम हो जाती है. लिहाजा, इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि चंपई मंत्रिमंडल में उन्हें मंत्री पद में जगह न मिले. इसकी संभवानाएं बेहद ही कम है.
शाम चार बजे 16 फरवरी को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण में कौन-कौन से चेहरे मंत्री पद की शपथ लेते हैं. इस पर सभी की नजर बनीं रहेगी. इसमे अगर बसंत मंत्री बनते हैं, तो इसमे आश्चर्य जैसी बात नहीं होगी. देखना यही दिलचस्प होगा कि क्या उप-मुख्यमंत्री बसंत बनते हैं ? चर्चा ये भी तेज है कि कांग्रेस से आलमगीर आलम को भी उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है. ऐसे में कयास औऱ बाते ये भी हो रही है कि चंपई सरकार में दो-दो डिप्टी सीएम बनेंगे.
दुमका से विधायक हैं बसंत सोरेन
दिशोम गुरु शिबू सोरेन के छोटे बेटे बसंत सोरेन दुमका से मौजूदा समय में विधायक है. 2020 में हुए उपचुनाव में बीजेपी की प्रत्याशी और पूर्व मंत्री लुईस मरांडी को 7 हजार वोटों से मात दी थी. दुमका सीट हेमंत सोरेन के छोड़ने से खाली हुई थी. क्योंकि 2019 विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन बरहेट औऱ दुमका से चुनाव लड़ा था. दोनो जगह हेमंत ने जीत हासिल किया था. इसके बाद उन्होंने दुमका सीट खाली कर दी थी, जिसके बाद हुए उपचुनाव में बसंत विजयी हुए थे. राजनीति में बसंत की चर्चा तब आयी थी, जब उन्होंने 2016 में राज्यसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन, उन्हें हार का सामना करना पड़ा . इस दौरान उन्होंने कोई चुनाव लड़ा . हालांकि, दुमका क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे . इसकी का नतीजा रहा कि 2020 उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और पहली बार विधायक बनें.
अगर बसंत सोरेन डिप्टी सीएम चंपई सोरेन सरकार में बनते हैं, तो फिर पहली बार विधायक बनने के साथ उनका इतना बड़ा ख्वाब भी पूरा हो जाएगा.