टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : इस साल गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी एक ही दिन मनाया जायेगा. हर साल ही तरह इस साल भी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जायेगा. और इस साल इसी दिन गणतंत्र दिवस होने के कारण लोगों में खास उत्साह है. जहां एक और तिरंगा झंडा फराया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाएगी. बता दें कि उदया तीथि के चलते बसंत पंचमी की पूजा 26 जनवरी को होगी बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 26 जनवरी को सुबह 7:07 से लेकर दोपहर 12:35 तक रहेगा.
क्या है मान्यता
हिंदू धर्म के अनुसार मां सरस्वती का अवतरण बसंत पंचमी के दिन हुआ था. इसलिए हर साल माघ शुक्ल की पंचमी को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी देवी और देवी काली दोनों का ही आशीर्वाद एक साथ प्राप्त होता है. कई जगह बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन हर छात्र और कला से संबंध रखने वाले मां सरस्वती की आराधना जरूर करते हैं. मां सरस्वती को सफेद रंग बेहद प्रिय है, इसलिए बसंत पंचमी की मौके पर मां को सफेद रंग का वस्त्र धारण करवाया जाता है और इन्हें विशेष तौर पर बूंदी का भोग लगाया जाता है.
जानें बसंत पंचमी की पूजन विधि
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का वस्त्र पहनकर पूजा करना चाहिए. यह बेहद शुभ माना जाता है. बसंत का पीला रंग समृद्धि ऊर्जा आशावाद का प्रतीक माना जाता है. इसलिए बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का खास महत्व है. पूजा में भी मां सरस्वती को हल्दी, केसर, पीले फूल, पीली मिठाई अर्पित करने की मान्यता है. वहीं, पूजा के बाद मां सरस्वती के मूल मंत्र "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप हल्दी की माला के साथ करना चाहिए. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता. इस दिन छोटे बच्चों की शिक्षा का शुभ आरंभ करना अति लाभकारी माना जाता है. इसके लिए बच्चों के हाथ में अक्षर लिखवा कर उन्हें शिक्षा देने की शुरुआत की जाती है. ऐसी मान्यता है की बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है.
बसंत पंचमी की पूजा में जरूर करें ये उपाय
1. सरस्वती पूजा के दौरान केसर और पीले चंदन का उपयोग जरूर करें. मां सरस्वती को यह चीज अर्पित करने से बुद्धि का विकास होता है.
2. अगर आपके बच्चे को बोलने में समस्या है या फिर उसकी बोली साफ नहीं हैं, तो इसे दूर करने के लिए भी आप सरस्वती पूजा के दौरान एक उपाय कर सकते हैं. आपको अपने बच्चे के जीभ पर चांदी की सलाई से ओम की आकृति बनानी है. इससे वामी दोष से मुक्ति मिलती है.
3. अगर आपके बच्चे चंचल हैं, और उन्हें पढ़ाई में मन नहीं लगता तो आप बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चे के हाथ से पीले रंग का फूल और हरे रंग का फल मां सरस्वती को अर्पित करवाएं. ऐसा करने से आपके समस्या जरूर दूर होगी.