दुमका(DUMKA): झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर 20 नवंबर को दुमका में मतदान होना है। चुनाव को लेर 22 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. नामांकन के तीसरे दिन गुरुवार को दुमका समाहरणालय परिसर पहुंचकर शिकारीपाड़ा विधानसभा से झामुमो प्रत्याशी आलोक सोरेन, दुमका विधानसभा से झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन तथा जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी बादल पत्रलेख ने निर्वाची पदाधिकारी को नामांकन पत्र समर्पित किया. नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए सभी प्रत्याशियों ने अपनी जीत का दावा किया.
नलिन सोरेन 7 टर्म तक शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहें
ज्ञात हो कि आलोक सोरेन के पिता नलिन सोरेन 7 टर्म तक शिकारीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद फिलहाल दुमका के सांसद निर्वाचित हुए हैं, पार्टी ने इस बार पिता की विरासत पुत्र को सौंपी है. वहीं दुमका से झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा की 5 वर्षों में काफी काम हुआ है लेकिन कुछ कार्य अभी भी अधूरे हैं, जिसे पूरा करना है. खासकर युवाओं की समस्या का समाधान करना उनकी प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि लुईस मरांडी के झामुमो जॉइन करने से संगठन मजबूत हुआ है. बसंत सोरेन सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं. 2019 के चुनाव में हेमंत सोरेन ने बरहेट के साथ-साथ दुमका सीट पर जीत हासिल करने के बाद दुमका सीट से त्यागपत्र दे दिया था. उसके बाद 2020 के उपचुनाव में पहली बार बसंत सोरेन ने झामुमो प्रत्याशी के तौर पर दुमका के विधायक बने, चंपई सोरेन की सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया.
जरमुंडी विधानसभा से बादल पत्रलेख ने भरा पर्चा
वहीं जरमुंडी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में बादल पत्रलेख ने पर्चा भरा. बादल दो टर्म से जरमुंडी के विधायक हैं. लगभग साढ़े चार वर्षों तक हेमंत सोरेन और चौपाई सोरेन की सरकार में वह कृषि मंत्री भी रहे. उन्होंने कहा की बाबा बासुकीनाथ का आशीर्वाद उनके साथ है. जनता का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है, उनकी जीत सुनिश्चित है, क्योंकि उन्होंने मंत्री रहते जनता के लिए कई कार्य किया.
रिपोर्ट: पंचम झा