धनबाद (DHANBAD) : धनबाद के नया बाजार के शहबाज सिद्दीकी उर्फ बबलू हत्याकांड में बैंक मोड़ पुलिस अपनी कार्रवाइयों को लेकर पहले भी चर्चा में थी. एक बार फिर सुर्खियां बटोर रही है. दरअसल, पुलिस ने मामले में जो प्राथमिकी दर्ज की है, उसमें कोयला कारोबारी पप्पू मंडल का नाम एकीकृत जांच फॉर्म एक के अभियुक्तों की सूची में नहीं है. हालांकि पुलिस कह रही है कि इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी पप्पू मंडल ही है. फिलहाल बबलू की मौत अभी रहस्य बनी हुई है. कैसे गोली लगी या किसने गोली मारी, इसका खुलासा नहीं हुआ है.
पप्पू के साथ नहीं करना है धंधा कह कर घर से निकला था बबलू
बबलू के हत्या वाले दिन के रात 9:00 बजे घर से यह कहकर निकला था कि उसे अब पप्पू मंडल के साथ धंधा नहीं करना है. वह हिसाब करने जा रहा है. उसके बाद रात 1:00 बजे उसे धनबाद के SNMMCH में भर्ती कराया गया. उसे गोली लगी थी. उसके बाद उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद 12 दिसंबर की रात नया बाजार के आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दी थी. आरोप लगा रहे थे कि हत्याकांड में बबलू के पार्टनर पप्पू मंडल शामिल है. मृतक के पिता ने पुलिस को जो आवेदन दिए उसमें पप्पू मंडल का नाम सबसे ऊपर था. उन्होंने कांड में अनिल यादव, संतोष साव, आकाश छाबड़ा और बिपिन रावत का भी नाम दिया था. लेकिन सीआरपीसी की धारा 154 के तहत दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट के सात नंबर कॉलम में पुलिस ने पप्पू को छोड़ बाकी चार आरोपियों का नाम दिया है. पप्पू मंडल का नाम इसमें नहीं है. हालाकी 12 नंबर कॉलम, जिसमें प्रथम सूचना लिखा गया है, उसमें मृतक के पिता के आवेदन के अनुसार पप्पू मंडल के नाम को शामिल किया गया है.
पिता ने पप्पू मंडल को बनाया आरोपी
इधर, पिता का कहना है कि उन्होंने पप्पू मंडल को आरोपी बनाया है. यदि पुलिस उसे आरोपी नहीं बना रही है तो इसकी जांच होनी चाहिए. हालांकि कानून के जानकार कहते हैं कि शिकायतकर्ता की अर्जी में नाम है और अभियुक्तों की सूची में नाम नहीं है, तब भी इसका लाभ आरोपी को नहीं मिलेगा. मामला चाहे जो हो लेकिन इसकी चर्चा धनबाद में खूब हो रही है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद