धनबाद(DHANBAD): धनबाद कोयलांचल पर दूसरी बार चला है झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का चाबुक. निर्णय हुआ है कि धनबाद में अब हार्ड कोक या सॉफ्ट कोक का नया प्लांट नहीं लगेगा. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया है. यह आदेश आगे वायु गुणवत्ता में सुधार तक जारी रहेगा. तय हुआ कि हार्ड कोक और सॉफ्ट कोक प्लांट के लिए अब नई स्थापना सहमति नहीं दी जाएगी. दो दिन पहले रांची में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है. हार्ड कोक और सॉफ्ट कोक उद्योग से धुआं उत्सर्जित होता है. इस कारण प्रदूषण फैलता है.
2010 में भी लगा था प्रतिबन्ध
इसके पहले भी 2010 में भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नए उद्योग खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया था. यह प्रतिबंध सितंबर '2013 तक चला. उस आदेश के तहत धनबाद नगर निगम क्षेत्र के अलावा निरसा , गोविंदपुर और झरिया में नए उद्योग खोलने पर रोक लगा दी गई थी. सवाल उठता है कि अभी धनबाद में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत योजना चल रही है. उस योजना के बीच में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का यह निर्णय सबको चौंकाया है. अभी धनबाद में कई जगहों पर रियल टाइम मॉनिटरिंग हो रही है. ऐसे में धुआं उत्सर्जित करने वाले नए उद्योगों को खोलने पर पाबंदी लगा दी गई है. वैसे धनबाद कोयलांचल में सॉफ्ट कोक और हार्ड कोक उद्योगों की हालत बहुत अच्छी नहीं है. सॉफ्ट कोक प्लांट चलाने वाले भी अब धीरे-धीरे उद्योगों को बंद कर रहे हैं, जबकि हार्ड कोक प्लांट चलाने वाले हाफ रहे है.
धनबाद के इंडस्ट्री को रियायती दर पर नहीं मिलता कोयला
उनका कहना है कि रियायती दर पर कोयला मिलता नहीं है, ऐसे में उद्योगों को चलाना संभव नहीं है. जब से धनबाद कोयलांचल में अवैध कोयला उत्खनन की बहुतायत हुई है, तब से तो एक नंबर का काम करने वाले किनारा कर लिए है. उनका कहना है कि जिंदगी भर एक नंबर का काम किया और अब कोई फंसाने की मंशा से भी चोरी का कोयला गिरा कर झंझट में डाल सकता है. ऐसे में उद्योग बंद कर देना ही बेहतर दिख रहा है. जो भी हो ,सॉफ्ट कोक और हार्ड कोके उद्योगों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख से अधिक आबादी जुड़ी हुई है. धनबाद अब दूसरी बार नए उद्योग नहीं खोलने का आदेश झेलेगा. इसका असर कोयलांचल के औद्योगिकरण पर कितना पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो