टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- झारखंड में चंपई सोरेन मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद भी अभी भी अंसतोष, विद्रोह और बगावती बोल सुनाई पड़ रहे हैं. कांग्रेस के 12 विधायक ही सिर्फ नाराज नहीं हैं, बल्कि अंतिम समय में मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के बाद लातेहार के जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम भी बगावत के मूड में आ गये हैं.
बैद्यनाथ राम ने की बैठक
लातेहार में नाराज और असंतुष्ट विधायक बैजनाथ राम अपने समर्थकों के साथ एक बैठक की . इस बैठक में एससी समाज से मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी का इजहार किया. उनका कहना था कि जो कुछ भी उनके साथ हुआ, वो बिल्कुल गलत था और कहीं से भी सही नहीं कहा ज सकता. उनके राजनीतिक करियर में ऐसा पहली बार हुआ. मीडिया से भी अपनी नाराजगी के बारे में बैद्यनाथ ने फिर बताया कि कैसे आखिरी समय में उनका पत्ता काट दिया गया. जबकि, मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अगर अपने फैसले पर कायम रहते, तो ऐसा नहीं होता. उनका कहना था कि राजभवन में उनका नाम मंत्री पद के लिए भेज दिय गया था. लेकिन, कांग्रेस के विधायकों का आपास में ही मंत्री पद के लिए उलझने के चलते सबकुछ गड़बड़ हो गया. ऐसी स्थिति में सीएम चंपई सोरेन को संभालना चाहिए था. लेकिन, ऐसा हो नहीं सका. हालांकि, उन्होंने इसके पीछे क्या मजबूरी उनकी थी, इस पर ज्यादा नहीं बोलना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री चंपई के निर्णय का इंतजार
आगे अपने फैसले के बारे में बैद्यनाथ ने बताया कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से लगातार बात हो रही है. उनके दिल्ली से वापस आने के बाद उनके फैसले का इंतजार है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें आश्वासन मिला है कि मंत्री पद की शपथ निश्चित तौर पर दिलाई जाएगी. वहीं कांग्रेस के नाराज विधायकों के विषय में बैद्यनाथ राम ने कहा कि कांग्रेस के आला कमान का काम है कि वह अपने नाराज विधायकों को कैसे मनाए