☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

बच्चा सिंह बेहतर इलाज के लिए ले जाए गए दिल्ली ,जानिए क्यों डॉक्टरों ने जाने की दी सलाह 

बच्चा सिंह बेहतर इलाज के लिए ले जाए गए दिल्ली ,जानिए क्यों डॉक्टरों ने जाने की दी सलाह 

धनबाद(DHANBAD) : झरिया के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री बच्चा सिंह को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है.  लगभग 80 वर्षीय बच्चा बाबू बुधवार की रात को बाथरूम में पैर फिसल जाने से गिर गए थे.  उनका बाया  कुल्हा टूट गया है. आनन् -फानन  में उन्हें कार्मिक नगर स्थित जिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.  वहां जब एक्सरे  हुआ तो पता चला कि  कुल्हा टूट गया है.  गुरुवार की शाम उन्हें दिल्ली ले जाया गया है.  बच्चा बाबू सूर्य देव सिंह के तीसरे नंबर के भाई है.  बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद पहले मंत्रिमंडल में वह नगर विकास मंत्री थे.  सूर्य देव सिंह के बाद कभी बच्चा बाबू सिंह मेंशन के स्तंभ हुआ करते थे, लेकिन पारिवारिक विवाद की वजह से वह अलग-अलग रहने लगे.  झरिया विधानसभा से वह विधायक चुने गए थे.  वैसे तो झरिया विधान सभा पर सिंह मेंशन परिवार का अधिक समय तक कब्ज़ा  रहा.  

पूर्णिमा नीरज सिंह झरिया से अभी  विधायक है

अभी भी है. पूर्णिमा नीरज सिंह झरिया से अभी  विधायक है.  1977 में सूर्य देव सिंह पहली बार झरिया से विधायक चुने गए थे.  उस समय जनता पार्टी का वक्त  था.  फिर तो वह झरिया से लगातार चार बार विधायक रहे.  1977, 1980, 1985, 1990 में उन्होंने झरिया का प्रतिनिधित्व किया.  झरिया से विधायक रहते हुए उन्होंने आरा से लोकसभा का चुनाव लड़ा था ,लेकिन परिणाम आने के पहले ही 15 जून 91 को उनका निधन हो गया.  उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में 1991 में बच्चा बाबू झरिया विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन आबो  देवी के हाथों पराजित हो गए.  फिर 1995 में भी बच्चा बाबू झरिया विधानसभा से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए.  उसके बाद 2000 में हुए चुनाव में बच्चा बाबू झरिया से विधायक चुने गए.  उसके बाद बिहार से कटकर झारखंड अलग राज्य बना, तो बाबूलाल मरांडी के मंत्रिमंडल में बच्चा बाबू नगर विकास मंत्री रहे.  वैसे तो सूर्यदेव सिंह द्वारा स्थापित जनता मजदूर संघ भी विवाद के बाद दो टुकड़ों में बंट  गया.  एक कुंती गुट  कहलाने  लगा तो दूसरा बच्चा गुट . 

विनोद सिंह हत्याकांड में  सजा काट रहे है रामधीर सिंह 
 
इधर , सिंह मेंशन के "चाणक्य" कहे जाने वाले रामधीर सिंह, विनोद सिंह हत्याकांड में  सजा काट रहे है. 15 जुलाई 1998 को कतरास के भगत सिंह चौक के पास मजदूर नेता सकलदेव सिंह के भाई विनोद सिंह और उनके चालक मन्नू  अंसारी पर AK-47 का मुंह खोलकर मौत के घाट उतार दिया गया था.  18 अप्रैल 2015 को रामधीर  सिंह की गैरमौजूदगी में धनबाद के सत्र न्यायालय ने विनोद सिंह और उनके चालक की हत्या में रामधीर सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. 22 महीने फरार रहने के बाद 20 फरवरी 2017 को रामधीर सिंह ने धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया था. रामधीर सिंह बलिया जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके है.  रामधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह धनबाद के "कोयला किंग" सुरेश सिंह हत्याकांड में अभी फरार चल रहे है.  रामधीर  सिंह के भतीजे और सूर्य देव सिंह के बेटे पूर्व विधायक  संजीव सिंह फिलहाल अपने चचेरे भाई कांग्रेस नेता  नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद है. 2017 में नीरज सिंह की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद से ही संजीव सिंह जेल में है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो  

Published at:21 Jun 2024 12:46 PM (IST)
Tags:dhanbadjhariyabachha singhdelhitreatment
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.