गुमला (TNP Desk) : जिले का शीर्ष धार्मिक सह पुरातात्विक स्थल बाबा टांगीनाथ धाम में महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु आठ मार्च को जलाभिषेक करेंगे. यहां देश के कई राज्यों से भक्तों का आगमन होता है. महाशिवरात्रि पर भक्तों की काफी भीड़ बढ़ जाती है. श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समिति ने पूरी तैयारी कर ली है. वहीं पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. जगह-जगह पर प्रशासन ने बैरिकेट लगा दिया है.
टांगीनाथ धाम में लगाए गए हैं कई स्टॉल
बता दें कि महाशिवरात्रि पर बाबा टांगीनाथ धाम में भव्य मेले का आयोजन होता है. कोरोनाकाल के बाद पिछले दो साल से बाबा टांगीनाथ धाम में महाशिवरात्री पर श्रद्धालुओं की भीड़ लाखों में बढ़ जाती है. इस वजह से मेला समिति की ओर सभी दुकानदारों को कई निर्देश दिया गया है, ताकि व्यवस्था सुदृढ़ हो सके. श्रद्धालुओं के लिए पीने का पानी, खोया पाया विभाग, स्वास्थ्य शिविर सहित अन्य स्टॉल लगाकर दूर-दराज से आने वाले भक्तों की सेवा हेतु समिति व प्रशासन भी पूरी व्यवस्था कर ली है
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सीसीटीवी कैमरा से रखी जायेगी नजर
प्रशासन ने जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाया है. वहीं बाबा टांगीनाथ धाम के ऊपरी क्षेत्र में भी सीसीटीवी लगाया गया है, ताकि पूरी निगरानी रखी जा सके. मंदिर परिसर एवं मेला संचालन में लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सैकड़ों वॉलंटियर को भी तैनात किया गया है. मेला समिति की ओर से नारियल व अगरबत्ती का मंदिरों में प्रयोग नहीं करने की अपील की गई है.
श्रद्धालुओं की सालों भर लगी रहता है तांता
छोटनागपुर के इस धरातल पर अवस्थित बाबा टांगीनाथ धाम शिव और शक्ति का अद्भुत संगम स्थल है जहां शिव, शक्ति, वैष्णव, गणेश एवं भगवान सूर्य की एक साथ उपासना की जाती है. यहां की महिमा सुन लोग स्वतः खींचे चले आते हैं. हरी-भरी सुंदर वादियों में स्थित पहाड़ी व झरना के बीच स्थित यह धार्मिक स्थल भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक महत्व के कारण लोग अपनी-अपनी जिज्ञासा तथा देवी देवताओं से शक्ति, भक्ति व मनोकामना सिद्धि हेतु यहां पधारते है। यहां के मुख्य आकर्षण का केंद्र है यहां का विशालकाय अक्षय त्रिशूल जिसपर किसी भी मौसम का कोई असर नहीं होता और खुले स्थल पर विराजमान होने के बावजूद भी इसकी चमक यथावत बनी रहती है. साथ ही यहां आपरूपी निकले सैंकड़ों शिवलिंग व अनेकों देवी-देवताओं की प्रतिमाएं हैं जिनका मनोरम दृश्य भक्तों के मन को मोह लेता है और यही कारण है कि यहां सालों भर श्रद्धालुओं का दूर दूर से आवागमन होता रहता है.