दुमका (DUMKA) : रविवार की रात दुमका जिला के सरैयाहाट गांव में एक किशोरी के अपहरण के बाद गैंग रेप के प्रयास का मामला सामने आया था. घर मे किशोरी अकेली थी, क्योंकि परिजन दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन देखने गए थे. चार मनचले किशोरी को अगवा कर ले गए और गैंग रेप का प्रयास किया. गनीमत थी कि किशोरी के परिजन घर पहुंचे और किशोरी को घर मे नहीं देख खोज बीन शुरू की. गांव के एक घर मे किशोरी के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर परिजनों ने उसे मुक्त कराया और 2 मनचले को ग्रामीणों के सहयोग से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.
गांव में तनाव के बीच जानकारी लेने राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य पहुचीं थी गांव
दो समुदाय के बीच का मामला होने के कारण सोमवार को दिन भर गांव में तनाव का माहौल बना रहा. एसडीपीओ सहित कई थानों की पुलिस गांव में कैम्प करती रही. सूचना पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी गांव पहुचीं. पूरे मामले की जानकारी ली. 24 घंटे के भीतर सभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर मामले को दिल्ली तक पहुंचाने की बात कही. घटना को लेकर राजनीति भी हुई. स्थानीय विधायक पर आरोपी को बचाने का आरोप भी लगा.
चार में से एक बालिग आरोपी को भेजा गया जेल, 3 नाबालिग आरोपी को बाल सुधार गृह
दुमका पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से लिया. मंगलवार तक सभी 4 आरोपी को पकड़ लिया. एक बालिग आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया, जबकि 3 नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया गया. आरोपियों में सरफराज अंसारी को छोड़कर अन्य तीन आरोपी नाबालिग है.
परवरिश में चूक या मोबाइल इंटरनेट का माया जाल, नाबालिग कर रहे जघन्य अपराध?
घटना घटी, पुलिस ने अपना काम किया, अब कानून भी अपना काम करेगी. उम्मीद की जानी चाहिए कि दोषी को सजा मिलेगी और पीड़ित परिवार को न्याय. लेकिन इस घटना ने सोचने पर विवश कर दिया है कि आखिर कहां जा रहा है हमारा समाज. रेप, गैंग जैसी जघन्य अपराध की खबरें आए दिन समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती है. गिरफ्तारी भी होती है और आरोपी को कठोर दंड भी मिलता है. इसके बाबजूद लोगों में कानून का भय पैदा क्यों नहीं हो रहा है? जब नाबालिग ही नाबालिग का गैंग रेप का प्रयास करे तो यह हमारे लिए शर्म और चिंता की बात हो जाती है. हमें सोचने पर विवश कर देता है कि परवरिश में चूक हुई या मोबाइल इंटरनेट की मायाजाल में फंसकर किशोरावस्था में गैंग रेप जैसी जघन्य अपराध को अंजाम देने पर उतावला हो जाता है.
रिपोर्ट-पंचम झा