धनबाद(DHANBAD): झारखंड में अभी डुमरी उप चुनाव की खूब चर्चा है. चर्चा तो योगेंद्र तिवारी, रामिया मरांडी की भी है. चर्चा तो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के खिलाफ हो रहे मुकदमो की भी है. वैसे फिलहाल संकल्प यात्रा हो अथवा डुमरी विधानसभा में चुनाव प्रचार, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निशाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरीय नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बाबूलाल मरांडी के खिलाफ मोर्चा खोला है. सब एक दूसरे के ऊपर हमलावर हैं.
एक दूसरे पर हमलावर हैं सभी नेता
बाबूलाल मरांडी के खिलाफ झारखंड के कई थानों में मुकदमे हुए हैं. फिर भी बाबूलाल मरांडी सोरेन परिवार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. इस बीच बाबूलाल मरांडी के भाई रामिया मरांडी ने अपना पक्ष रखा है. कहा है कि बदनामी के डर से एक दशक पहले ही योगेंद्र तिवारी से अपनी राह अलग कर ली थी. रामया मरांडी ने कहा कि संथाल परगना बिल्डर कंपनी जब 2005 में बनी थी, उसमें वह निदेशक जरूर थे. बाद में शिकायत मिलने लगी कि योगेंद्र तिवारी जमीन और शराब कारोबार करने लगे हैं, तो उन्होंने उनसे अलग होने का फैसला लिया और वह अलग हो गए. इधर, योगेंद्र तिवारी झारखंड में शराब के धंधे को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में है. अभी हाल ही में छापेमारी की गई है.
बाबूलाल की ललकार-रामगढ़ के बाद अब डुमरी की बारी
वैसे धनबाद के टुंडी में संकल्प यात्रा के बाद बाबूलाल मरांडी सीधे डुमरी गए और अब डुमरी में ललकार दी जा रही है कि रामगढ़ के बाद अब डुमरी की बारी है. 2019 में झारखंड में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली बार रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए को सफलता मिली थी. उसे सफलता से उत्साहित एनडीए डुमरी में फिर किला फतह करने की कोशिश में है. डुमरी में चुनाव प्रचार के दौरान झारखंड के भाजपा प्रभारी डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के निशाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं. दोनों नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री चाहे कुछ भी कर ले, लेकिन उन्हें जेल तो जाना ही पड़ेगा.
डुमरी उपचुनाव के बाद हेमंत सोरेन की उल्टी गिनती शुरू:बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी का दावा है कि डुमरी उपचुनाव के बाद हेमंत सोरेन की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी .इस उप चुनाव में युवा पूछ रहे हैं कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा को वोट क्यों दें, उन्हें ना तो नौकरी मिली और नहीं बेरोजगारी भत्ता. स्थानीय नीति और नियोजन नीति में राज्य को उलझा दिया गया है. वैसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी भाजपा पर हमलावर हैं. योगेंद्र तिवारी के साथ बाबूलाल मरांडी के भाई को जोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी कार्ड खेला है. आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं. देखना है डुमरी उपचुनाव का ऊंट किस करवट बैठता है. डुमरी में टाइगर जगरनाथ महतो के निधन के बाद चुनाव हो रहा है. टाइगर की पत्नी डुमरी से महागठबंधन की उम्मीदवार हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो