देवघर(DEOGHAR) : झारखंड की सांस्कृतिक राजधानी देवघर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. देवघर विधानसभा क्षेत्र भी है, जिसकी भाग संख्या 15 है और यह अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. इस वक़्त यहां के विधायक नारायण दास है, जो लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हुए हैं. दोनों बार इन्होंने राजद के सुरेश पासवान को हराया है, इस बार भी इन्ही दोनों के बीच संघर्ष है.
पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के नतीजे पर नजर
2009 में राजद के टिकट पर यहां से चुनाव जीते सुरेश पासवान झारखंड सरकार में मंत्री बने थे. इन्होंने जेवीएम प्रत्याशी बलदेव दास को 17740 मतों से हराया था. सुरेश पासवान को 49602 मत जबकी बलदेव दास को 31862 मत मिले थे. 2014 के चुनाव में मंत्री रहते सुरेश पासवान चुनाव हार गए थे. मोदी लहर में भाजपा प्रत्याशी नारायण दास ने 45152 मतों से हराया था, तब नारायण दास को 92022 मत प्राप्त हुए थे. जबकी सुरेश पासवान को 46870 मत और झामुमो प्रत्याशी निर्मला भारती को 23459 मत मिले थे. 2019 के चुनाव में भाजपा के नारायण दास ने दुबारा बाजी मार कर विधायक बने. इस बार भी इन्होंने सुरेश पासवान को 2624 मतों से हराया।नारायण दास को 95491 मत मिले थे. 2014 के चुनाव में मिले मत से मात्र 3469 मत अधिक आया था. जबकी सुरेश पासवान को 2019 में 92867 मत मिले थे जो 2014 के चुनाव से 45997 मत अधिक है. 2019 में जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली निर्मला भारती को 9970 मत प्राप्त हुए थे. 2014 और 2019 के चुनाव में निर्मला भारती सुरेश पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ी थी. लेकिन इस बार ये इंडी गठबंधन के प्रत्याशी के समर्थन में है. ऐसे में इस बार सुरेश पासवान का पलड़ा भारी इसलिए है कि इनका मत लगातार बढ़ा है और इनके समर्थन में हर वर्ग और समुदाय के लोग खड़े है.
जातीय समीकरण में फिलहाल इंडी गठबंधन के प्रत्याशी भारी है
देवघर विधानसभा क्षेत्र में झारखंड के एकमात्र ऐम्स देवीपुर में संचालित हो रहा है. इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट भी है. बाबा मंदिर,सत्संग और रिखिया आश्रम भी इसी विधानसभा क्षेत्र में है. क्षेत्र में कुल मतदाता-4,36,621 है जिनमे पुरुष मतदाता 2,26,161,महिला मतदाता 2,10,448 है जबकि 12 थर्ड जेंडर मतदाता है. वहीं 347 भवन में 460 मतदान केंद्र है. अब जातीय समीकरण की तरफ देखे तो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह विधानसभा में करीब 88 हज़ार हरिजन,82 हज़ार यादव,45 हज़ार मुस्लिम, 40 हज़ार आदिवासी के अलावा अन्य में ब्राहृम्ण,भूमिहार, राजपूत,कायस्थ,वैश्य इत्यादी मतदाता है. यादव,मुस्लिम, आदिवासियों की संख्या इंडी गठबंधन का वोट बैंक माना जाता है. इनकी संख्या इस बार सुरेश पासवान के पक्ष में देखा जा रहा है. इसी से उम्मीद है कि लगातार तीसरी बार इस क्षेत्र से कमल खिलना मुश्किल है. दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी नारायण दास को भितरघात होने की संभावना लग रही है. जिस प्रकार लोकसभा चुनाव के दरमियान विधायक नारायण दास और सांसद के बीच मनमुटाव देखा गया और भाजपा का एक खेमा सांसद निशिकांत दुबे के विरोध में खड़ा हुआ था और इनके खिलाफ मतदान करने का मुहीम चलाया गया था ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि नारायण दास को भाजपा के दूसरे गुट द्वारा इनके खिलाफ में मतदान किया जाएगा।दूसरी ओर पूर्व विधायक कामेश्वर दास निर्दलीय और अंग्रेज दास जयराम महतो के पार्टी से चुनाव लड़कर दास वोट को बांटने का पूरा कोशिश करेंगे. अभी तक के समीकरण से इंडी प्रत्याशी सुरेश पासवान का पलड़ा भारी है. लेकिन भाजपा प्रत्याशी भी पूरी जोरशोर से ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर सबको गोलबंद करने की कोशिश कर रहे हैं. शहरी क्षेत्र में अगर सेंधमारी नही हुई तो भाजपा और राजद के बीच कड़ा मुकाबला बन सकता है. 2019 के चुनाव में भी यही देखने को मिला था अंतिम अंतिम तक कड़ा मुकाबला में नारायण दास ने बाजी मार लिया थ. खैर जो भी 23 को परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि कौन किसपर भारी रहा. इंडी और एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी सहित कइयों द्वारा कल यानी 28 अक्टूबर को नामांकन दाखिल किया जाएगा. कल नामांकन में उमड़ने वाली भीड़ के बाद असली खेला शुरू हो जाएगा.
रिपोर्ट: रितुराज सिंहा