देवघर (DEOGHAR) : लोकआस्था का महापर्व छठ समाप्त हो गया है. अब झारखंड में चुनाव पर्व की गर्माहट है. पहले चरण का चुनाव प्रचार 11 नवंबर को समाप्त होने के बाद सभी बड़े नेताओं का संताल परगना दौरा शुरू हो जाएगा. खासकर भाजपा को संताल परगना फतह करने के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ेगी, क्योंकि संताल परगना पूरी तरह इंडी गठबंधन की पकड़ में है. झामुमों का यह क्षेत्र किला है, जिसे भेदने में भाजपा को एड़ी चोटी लगानी पड़ेगी.
नामी गिरामी नेताओं का लगेगा जमावड़ा
संताल परगना का देवघर जिला में साढ़े तीन विधानसभा क्षेत्र है. इनमें तीन देवघर जिला में सारठ, मधुपुर और देवघर पड़ता है, जबकि आधा जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र है जो दुमका जिला में आता है. साढ़े तीन की जगह 4 विधानसभा क्षेत्र मान लेते है तो चारों विधानसभा क्षेत्र से जितने वाले विधायक कभी न कभी मंत्री बने है या मंत्री बन जाते हैं. चार विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो इसमें दो पर इंडी गठबंधन का जबकि दो पर भाजपा का कब्जा है. देवघर में इंडी गठबंधन के घटक दल राजद से चुनाव लड़ रहे सुरेश पासवान भी मंत्री रह चुके है. सारठ से भाजपा के प्रत्याशी रणधीर सिंह भी मंत्री रह चुके है. वहीं मधुपुर की बात करें तो यहां झामुमो प्रत्याशी मंत्री हाफिजुल हसन चुनावी मैदान में है, जबकि, जरमुंडी से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बादल पत्रलेख भी मंत्री रह चुके हैं. चारों विधानसभा क्षेत्र से इंडी गठबंधन हो या भाजपा के प्रत्याशी सभी अपने अपने क्षेत्र के दिग्गज नेता है और सभी दो या इससे अधिक बार चुनाव लड़ चुके है. सिर्फ हाफिजुल हसन को छोड़ कर. चारों सीट पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा की तरफ से नरेंद्र मोदी, योगी, अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान, मोहन यादव, हिमंता बिस्वा सर्मा, राजनाथ सिंह सहित सुदेश महतो इत्यादि नेता पार्टी प्रत्याशी नारायण दास,गंगा नारायण सिंह, रणधीर सिंह और देवेंद्र कुंवर के पक्ष में सभा को संबोधित करेंगे. दूसरी ओर इंडी गठबंधन के नेता राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन सहित अन्य नामी गिरामी नेता प्रत्याशी सुरेश पासवान,हाफिजुल हसन,उदय शंकर सिंह और बादल के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर जनता को रिझाने का प्रयास करेंगे. ताकि सारठ और देवघर सीट पर भी इंडी गठबंधन का कब्जा हो सके. अब 23 नवंबर को देखना होगा की क्षेत्र की जनता को कौन नेता ने प्रभावित किया.
रिपोर्ट-ऋतुराज