रांची(RANCHI): जमीन घोटाले में न्यायिक हिरासत में चल रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के निलंबित अधिकारी छवि रंजन ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि उन्हें पत्नी और बच्ची से सप्ताह में दो बार मिलने का मौका दिया जाए. ईडी की विशेष अदालत में छवि रंजन के वकील ने इस संबंध में याचिका दाखिल की है. कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की है. इससे पहले छवि रंजन ने कोर्ट से जेल के खाने की शिकायत की थी, उनका कहना था कि जेल का खाना हजम नहीं होता, उन्हे घर का खाना या बाहर से खाना लाने की छूट दी जाय, ताकि वह अपने विशेष लजीज व्यंजनों का रसास्वादन कर सकें. मालूम हो कि छवि रंजन 4 मई को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से 10 दिनों तक रिमांड पर थे. उसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
मालूम हो कि सेना की जमीन की फर्जी बिक्री के मामले में छवि रंजन को प्रवर्तन निदेशालय ने दूसरी बार पूछताछ के बाद 4 मई को गिरफ्तार कर लिया था. ईडी के पास इस संबंध में पुख्ता साक्षी होने का दावा किया गया है कि छवि रंजन की भूमिका रांची जिले के उपायुक्त के तौर पर इस फर्जी खरीद बिक्री मामले में रही है. पिछले 13 अप्रैल को सेना की जमीन की फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीद बिक्री मामले में अंचल निरीक्षक समेत कुल 7 लोग गिरफ्तार किए गए थे.उस दिन रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस अधिकारी छवि रंजन के ठिकाने पर भी छापेमारी की गई थी. उस दिन तो छवि रंजन को छोड़ दिया गया था लेकिन साथ अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था जिनमें बड़गाईं का अंचल निरीक्षक और एक अन्य सरकारी कर्मी समेत भूमि माफिया, दलाल शामिल थे. चेशायर होम रोड स्थित एक भूखंड का फर्जी म्यूटेशन मामले में भी उनकी भूमिका संदिग्ध रही है. निलंबित आईएएस अधिकारी का जेल में भी एक कांड सामने आया सत्ता के गलियारे के दलाल और ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए प्रेम प्रकाश और उनके बीच बातचीत का साक्ष्य मिला है. यह भी एक गंभीर मामला माना गया है कि जेल में किस प्रकार से छवि रंजन एक कथित दलाल से अपने वार्ड में मिले.
22 मई को इस याचिका पर होगा फैसला
बताया जाता है कि छवि रंजन की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. उनके खिलाफ जमीन से जुड़ी खरीद- बिक्री के कई संलिप्तता वाले साक्ष्य हैं. छवि रंजन चाहते हैं कि सप्ताह में दो बार उन्हें अपनी पत्नी और बच्चे से मिलने दिया जाए. वैसे सप्ताह में एक ही दिन मिलने का प्रावधान है. ईडी की विशेष अदालत 22 मई को इस याचिका पर फैसला सुनाएगी. गुरुवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला को सुरक्षित रख लिया है.