टीएनपी डेस्क (TNP DESK): झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने सरकार के तीन साल पूरे होने पर जश्न मन रहे हैं. लेकिन क्या वाकई झारखंड के ये तीन साल बेमिसाल है ऐसा हम नहीं बीजेपी कह रही है. हेमंत के चुनाव जीतने के लगभग कुछ महीने बाद ही लग गया राज्य पर ताला. कोरोना और लॉकडाउन ने हर तरफ चीख पुकार मचा दी थी. इसी बीच दवाइयों और जनता की मौलिक जरूरतों का भी हाहाकार मच गया था. 2020 तो ऐसे ही कोरोना के खौफ में निकाल गया. फिर आया 2021 इस साल ने भी कोरोना के दूसरे लहर ने राज्य में भयंकर तबाही मचाई चिकित्सा और दवाइयों की भारी किल्लत के बीच कई लोगों ने इस लहर में अपनी जान गंवाई. इसके बाद साल 2022 जहां पर आकर अटक गई हेमंत की गाड़ी. अवैध खनन मामले, लीज आवंटन सहित कई तरह के आरोपों को झेलती हुई ये झामुमो सरकार आज अपने तीन सालों की उपलबधियां गिना रहे लेकिन विपक्ष बार बार उनसे पूछ रहा कि इन तीन सालों में सरकार ने ऐसा कौन स काम किया जिससे उसकी उपलब्धि मानी जाए. अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करने वाली हेमंत सरकार खुद को निर्दोष साबित करने में कोई कसर नही छोड़ रही है .
बीजेपी ने जारी किया आरोप पत्र
सरकार के तीन साल पूरे होने पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अपने प्रदेश कार्यालय मे प्रेस मित्रों को संबोधित कर आठ पन्नों के एक आरोप पत्र जारी किया है. जिसमें हेमंत सरकार के तीन साल की नाकामियों को बताया गया है. बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता मे जारी हुए इस आरोप पत्र में झामुमो को अवसरवादी और सत्ता लोलुप करार देते हुए कहा है कि झारखंड को सोरेन सरकार ने अपने कुशासन से आकंठ भ्रष्टाचार की गर्त में धकेल दिया है. पिछले तीन सालों में झारखंड में सरकार के संरक्षण में आदिवासियों दलितों की जमीन को दबंगों द्वारा हड़प गया है. बीते तीन वर्ष में 5000 से अधिक रेप के मामले. 5258 हत्या 28234 चोरी 1978 डकैती 4485 अपहरण हेमंत सरकार के बेमिसाल तीन साल की पोल खोलती है.
हेमंत सरकार है दिशा हीन: भाजपा
अपने आरोपपत्र में बाबूलाल ने कहा कि हेमंत सरकार दिशा हीन है उन्हें राज्य को लेकर कोई चिंता नहीं है कि राज्य किस ओर जा रहा है. लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. बिजली पानी सड़क और स्वास्थ्य की स्थिति दयनीय है. राज्य में अराजकता व्यापक रूप से फैली हुई है. इस अराजकता का दंश यहां के नागरिकों को झेलना पड़ रहा है. ये सरकार का निकम्मापन है कि झारखंड जैसा शांत राज्य भी आज सुलगने के कगार पर खड़ा है.
किसान है बदहाल सरकार के मस्त हाल
किसानों की स्थिति दिन ब दिन दयनीय होती जा रही है. बिचौलिये और दलाल उनकी मजबूरी का फाएदा उठा रहे. लेकिन सरकार अपनी विलासिता में लगातार इजाफा करती जा रही. भाजपा सरकार के कृषि आशीर्वाद योजना को बंद किए जाने से अकाल और सूखा से किसान जार जार है. लेकिन हेमंत की हठधर्मिता इन किसानों की सुध लेने से उन्हें रोकती है. किसान बिलख रहे हैं पर सरकार के काफिले में लग्जरी गाड़ियों का मेला बढ़त ही जा रहा है. केंद्र की योजनाओं को भटकने का काम करती है सरकार. हेमंत सरकार की यही कोशिश रहती है की केंद्र द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं को गरीबों तक न पहुँचने दिया जाए, जिसे लेकर हमेशा ही राज्य सरकार गरीबों के लिए चलाए जा रहे योजनाओं को लटकाने भटकने और विलंबित दिखाने का प्रयास करती है. ये हेमंत सरकार की अदूरदर्शी स्वभाव को प्रदर्शित करता है.
रोजगार के नाम पर ठेंगा
भाजपा ने अपने आरोपपत्र में रोजगार पर बात करते हुए कहा की झारखंड में युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर केवल विवाद मिला है. पिछले तीन सालों में राज्य में बेरोजगारी का आंकड़ा 27 प्रतिशत हो गया है जो कि देश के औसत बेरोजगारी से दुगुना है. चुनाव से पहले हर साल 5 लाख जॉब देने का वादा करने वाली झामुमो अब तक सिर्फ 357 नौकरी ही दे सकी है. बेरोजगारी भत्ता का भी सब्जबाग दिखानेवाली झामुमो की जिलों में भेजी गई राशि सरेंडर हो गई. अपने ही घोषणापत्र से पीछे हटती ये सरकार युवाओं को ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के जरिए अंडा बेचने और ठेला लगाने की सलाह दे रही. इस सरकार ने तो युवाओं से शराब बेचवाने तक का प्रबंध कर चुकी है. नियोजन नीति के नाम पर कैसे हेमंत सरकार ने झारखंड के युवाओं के साथ छल किया है ये तो सब देख ही चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश जिसमे 2016 नियोजन नीति के तहत ही रोजगार देने का आदेश है इस पर सोरेन सरकार कितना कार्य कर पाती है ये देखने योग्य होगा.
राज्य की महिला सुरक्षा व्यवस्था है बदहाल
इन तीन सालों मे झारखंड ने महिला उत्पीड़न में भी एक रिकार्ड कायम किया है. एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब अखबार शर्मिंदा हुआ हो . जिसमें महिला और बच्ची के साथ कोई अनाचार न हुआ हो . हद तो ये है की 16 दिन से लंबित आवेदन पर एफ आई आर नहीं होने से पीड़ित ने आत्महत्या का प्रयास किया. सड़क से लेकर घरों में भी झारखंड की बेटियाँ असुरक्षित हो गई. दर्दनाक खबरों से पटा हुआ रहा अखबार.
लव जिहाद, धर्मांतरण और तुष्टीकरण में अव्वल रही ये सरकार
पिछले तीन सालों में झारखंड में घूसपैठिए की संख्या में आश्चरजंक इजाफा हुआ है. साथ ही बढ़ गया है झारखंड में लव जिहाद का मामला. एक के बाद एक जव जिहाद से जहा देश में खलबली मची हुई है वहीं सरकार इस मामले पर पर्दा डालने की पूरी कोशिश कर रही. इसी साल अंकिता को जिंदा पेट्रोल डालकर जला दिया गया. तो वहीं रुबिका पहाड़न के 50 से अधिक टुकड़े कर के पूरे देश को दहला दिया. इस तरह के निर्मम हत्याकांड करने की हिम्मत आखिर इन विशेष समुदायों को कैसे आ रही है. ये सरकार के तुष्टीकरण का ही नतीजा है. बीजेपी ने अपने प्रेस कोन्फ़्रेंस में हेमनत सरकार को उन सभी मुद्दों पर घेरा जिसके लिए आज हेमंत सोरेन अपनी उपलब्धि गिना रहे थे.