रांची (RANCHI) : उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ में शामिल एक और अभ्यर्थी की मौत हो गई. मृतक अभ्यर्थी का नाम अन्नू कुमार बेदिया है, जो रामगढ़ जिले के भुरकुंडा के रहने वाले थे. वहीं इसको लेकर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण एक और होनहार युवा की जिंदगी छीन ली.
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि-अन्नू कुमार बेदिया घर से आबकारी सिपाही बनने का सपना लेकर निकले थे, लेकिन राज्य सरकार ने अन्नू के शव को ताबूत में रखकर घर भेज दिया. राज्य सरकार की कुव्यवस्था ने अन्नू की जिंदगी छीन ली.
उत्पाद सिपाही भर्ती की मौत की दौड़ ने झारखंड के एक और होनहार युवा की जिंदगी छिन ली। रामगढ़ जिले के पतरातू निवासी अन्नू कुमार बेदिया घर से उत्पाद सिपाही बनने का सपना लेकर निकले थे, लेकिन हेमंत सरकार ने ताबूत में अन्नू की लाश घर भिजवाई। हेमंत सरकार की बदइंतजामी ने अन्नू से उनकी… pic.twitter.com/3xavGA2mBF
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 23, 2024
भाजपा नेता ने कहा कि झामुमो कांग्रेस सरकार द्वारा आयोजित आबकारी सिपाही भर्ती की मौत की दौड़ में अब तक करीब 20 युवाओं की जान जा चुकी है. कई युवा गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. देश भर में आज तक हुई सभी भर्ती परीक्षाओं के इतिहास में इतने युवाओं की जान नहीं गई है. उन 20 युवाओं के माता-पिता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि नौकरी पाने के लिए माता-पिता का आशीर्वाद लेकर घर से निकला उनका बेटा कफन में लिपटा हुआ लौटेगा. सिपाही बनने का सपना लेकर घर से निकला उनका बेटा सरकार की लापरवाही के कारण जिंदगी की जंग हार जाएगा.
मरांडी ने कहा कि झूठी वाहवाही बटोरने की चाहत में 20 परिवारों को बर्बाद कर चुकी यह सरकार न जाने कितने और युवाओं की जान लेगी. सरकार चाहती तो इन मौतों को रोक सकती थी. जब पहली घटना हुई थी, तो उसके कारणों का विश्लेषण किया जा सकता था और दौड़ की दूरी कम की जा सकती थी. दौड़ के दौरान घायल युवाओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, भर्ती स्थल पर अनुभवी डॉक्टरों की व्यवस्था, उपयुक्त मौसम आदि जैसे सुरक्षात्मक उपाय किए जा सकते थे, लेकिन कई मौतों के बाद सरकार ने औपचारिकता के लिए समीक्षा बैठक की. अफवाह फैलाई और फिर से मौत की दौड़ शुरू कर दी. नौकरी की तलाश में जान गंवाने वाले 20 युवाओं और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए हमें एकजुट होकर इस सरकार के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़नी होगी.