रांची(RANCHI): सीबीआई ने पीआईएल मैनेज करने के मामले में अमित अग्रवाल से पाँच दिनों तक कड़ी पूछताछ की है. पूछताछ पूरी होने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने अमित अग्रवाल को जेल भेज दिया है. कोर्ट में पेश करने से पहले सीबीआई ने पाँच दिनों तक अमित अग्रवाल से कड़ी पूछताछ की है. इस पूछताछ में कई अहम जानकारी सीबीआई को मिली है. जिसके आधार पर अब आगे की जांच करेगी.बता दे कि अमित अग्रवाल एक बड़े कारोबारी है जिनका लिंक झारखंड की सत्ता के शीर्ष में बैठे लोगों से है. इससे साफ है कि पूछताछ में जो जानकारी निकली है उसके आधार पर जांच की कड़ी को आगे बढ़ाने की कोशिश होगी.
अमित अग्रवाल को गुरुवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से पांच दिनों की रिमांड ले कर गहन पूछताछ की गई है. PIL मैनेज केस में सीबीआई ने अमित अग्रवाल से कई सवाल किया है .इस पूछताछ के बाद इस मामले में जुड़े लोगों से भी पूछताछ कर सकती है. दरअसल झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद 19 जनवरी 2023 को सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. इसके बाद कई बार अमित अग्रवाल से पूछताछ किया,साथ ही अमित अग्रवाल से जुड़े दर्जनों ठिकाने पर सीबीआई ने दबिश बनाई थी.
मालूम हो कि अमित अग्रवाल अधिवक्ता राजीव कुमार को शिव शंकर शर्मा के द्वारा दायर याचिका को वापस लेने को लेकर पैसा दिया था. यह याचिका खनन पट्टा से जुड़ा था. कोर्ट में सुनवाई के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने जनवरी में इस मामले को सीबीआई को सौंपा था.जिसके बाद जांच कर पूरी रिपोर्ट 15 दिनों में कोर्ट के समक्ष देने का आदेश दिया गया था.इस केस की जांच काफी ऊपर तक जा सकती है.अमित अग्रवाल का लिंक सत्ता के शीर्ष में बैठे बड़े लोगों से भी है.
बता दें कि 31 जुलाई को बंगाल पुलिस ने झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव को शॉर्ट लेक से गिरफ्तार किया था. राजीव कुमार के पास से पुलिस ने 50 लाख रुपये बरामद किया था. इस मामले में शिकायतकर्ता अमित अग्रवाल थे. अमित अग्रवाल ने बंगाल पुलिस को शिकायत की थी जिसमें बताया गया कि एक झारखंड हाई कोर्ट में दायर पीआईएल को वापस लेने के लिए पैसे की मांग की गई है. अमित अग्रवाल की शिकायत पर योजना बना कर अधिवक्ता को गिरफ्तार किया गया था. अधिवक्ता को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया था. वहीं इस केस को बंगाल सीआईडी को सौप दिया था.
फिर हुई ईडी की एंट्री
इस केस में फिर ईडी की इंट्री हुई और अधिवक्ता राजीव कुमार को ED ने रिमांड पर लेकर पूछताछ किया. पूछताछ के बाद कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ ईडी ने मामला दर्ज किया और पूछताछ के लिए रांची के जोनल कार्यालय बुलाया. इसमें अमित अग्रवाल पैसों का सही जवाब और सोर्स नहीं दे पाए. इसके बाद अमित अग्रवाल को ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल भेज दिया था.
अवैध खनन मामले में भी अमित अग्रवाल का नाम
बता दें कि साहेबगंज जिले में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले में भी अमित अग्रवाल का नाम सामने आया है. जानकारी के मुताबिक ईडी को अपनी जांच में पता चला है कि अवैध खनन में अमित अग्रवाल भी शामिल था. जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार होने से पहले अमित अग्रवाल ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण से साहिबगंज और पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के मायापुर के बीच गंगा नदी पर मालवाहक जहाज चलाने का पर्मिशन भी ले लिया था. उन्होंने जिस कंपनी के नाम पर इसकी अनुमति ली थी, उसका नाम राजेश आटो मर्केंडाइज प्राइवेट लिमिटेड बताया गया है. इसके जरिए अवैध खनन से निकले पत्थर की ढुलाई का प्लान था. मगर, इसके पहले ही अमित अग्रवाल ईडी की गिरफ्त में आ गया और प्लान सिर्फ प्लान ही रह गया.
अवैध खनन का पैसा अमित अग्रवाल तक पहुंचता था
सूत्रों की मानें तो इसी कड़ी में ईडी को जानकारी मिली है कि अवैध खनन का पैसा सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के जरिए नेताओं और अधिकारियों के करीबी माने जाने वाले प्रेम प्रकाश तक पहुंचा. फिर प्रेम प्रकाश ने इन पैसों को अमित अग्रवाल तक पहुंचाया. बता दें कि सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा अवैध खनन मामले के मुख्य आरोपी हैं. इस बारे में ईडी ने पूछताछ के लिए सीएम हेमंत सोरेन को भी समन भेजा था. जिसके बाद 17 नवंबर को सीएम पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचे. जहां ईडी के अधिकारियों ने उनसे लगभग 9 से 10 घंटे तक पूछताछ की थी.