दुमका(DUMKA): वर्ष 2024 चुनावी वर्ष है. ज्यों ज्यों समय बीत रहा है झारखंड में राजनीतिक तपिश बढ़ती जा रही है. अवैध खनन, 1932 खतियान, नियोजन नीति, युवाओं को रोजगार सहित कई ऐसे मुद्दे हैं जिसको लेकर भाजपा सरकार पर आक्रामक नजर आ रही है. वहीं सत्ताधारी दल अपनी उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच पहुंच रही है. इसी कड़ी में सीएम हेमंत सोरेन ख़ातियानी जोहर यात्रा के साथ राज्य भ्रमण पर हैं. सभी दलों की नजर संथाल परगना प्रमंडल के 3 लोक सभा और 18 विधानसभा सीट पर है. जिसे सत्ता का प्रवेश द्वार माना जाता है. एक बार फिर संथाल परगना प्रमंडल में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी.
भाजपा ने दुमका से की प्रमंडल स्तरीय बैठक की शुरुआत
वर्ष 2014 से 19 तक लगातार 5 वर्षो तक सत्ता में रहने के बाबजूद वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड की जनता ने भाजपा को नकार दिया नतीजा भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा तब से भाजपा एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभा रही है और आने वाले चुनाव में सत्ता पर काबिज होने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है. 2024 में लोक सभा और विधानसभा दोनों का चुनाव होना है. दोनों ही चुनाव भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है. खासकर संथाल परगना प्रमंडल के तीनों लोक सभा सीट पर कब्जा के साथ प्रदेश में अपनी बादशाहत को कायम रखने की चुनौती है तो विधानसभा चुनाव में प्रमंडल के 18 सीट में से अधिकांश पर कब्जा कर सत्ता में वापसी की चुनोती है. भाजपा कोई भी मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहती है. इसलिए 25 मार्च को दुमका के इंडोर स्टेडियम से प्रमंडल स्तरीय बैठक की शुरुवात की गयी. पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कार्यकर्ताओं को आवश्यक निर्देश दिया. जिसके तहत केंद्र सरकार की योजना को जन जन तक पहुचाने के साथ राज्य सरकार की नाकामी को भी उगाजर करने का निर्देश मिला. साथ ही संगठन को मजबूत बनाने के लिए बूथ को मजबूत करने को कहा गया. अन्य ज्वलंत मुद्दों पर प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व राज्य सरकार को घेरने में लगी है।
1 अप्रैल को संथाल परगना बंद का आह्वान
25 को भाजपा की बैठक समाप्त हुई तो 26 को झामुमो विधायक सह सीएम के छोटे भाई बसंत सोरेन दुमका पहुंच कर खिजुरिया स्थित जिला कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. विधायक द्वारा राज्य सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुचाने के साथ 6 अप्रैल को दुमका के आउटडोर स्टेडियम में सीएम के प्रस्तावित ख़ातियानी जोहार यात्रा को सफल बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए. सीएम का संथाल परगना दौरा सफल बनाने में जिला प्रशासन भी जुट गई है. सीएम का यह दौरा ऐसे समय मे हो रहा है जब प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा सहित कई संगठन सरकार के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. दुमका की बात करें तो खतियान आधारित स्थानीय और नियोजन नीति की मांग को लेकर छात्र सड़कों पर उतर कर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. छात्र समन्वय समिति के बैनर तले 25 मार्च को छात्रों ने विवेकानंद चौक पर सीएम की शवयात्रा के साथ सत्ताधारी दल के विधायकों का पुतला फूंका तो 1 अप्रैल को संथाल परगना बंद का आह्वान कर चुका है.
वहीं आरक्षण के नए रोस्टर जिसमें दुमका जिला में ओबीसी का आरक्षण शून्य किए जाने से संथाल परगना पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा 4 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा कर चुका है. ऐसी स्थिति में सीएम का संथाल परगना दौरा सफल बनाना झामुमो के साथ साथ जिला प्रशासन के लिए भी एक चुनौती है.
रिपोर्ट: पंचम झा