टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-कर्नाटक की सत्ता पर कांग्रेस सत्तासीन हो गयी है. कुर्सी की कचकच भी खत्म हो गयी, सिद्धारमैया मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं।लेकिन, कुछ दिन ही शपथ के हुए हैं.विवादों को हवा देना मानो शगल से बन गया है, पार्टी में ही लगता है समन्वय की कमी और एकता नहीं दिख रही है। कर्नाटक के कैबिनेट मत्री और कांग्रेस विधायक एमबी पाटिल ने बताया है कि सिद्धारमैया ही कर्नाटक में 5 साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे. राज्य में ढाई-ढाई साल तक सत्ता के समझौते जैसा कोई फॉर्मूला नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव होता तो पार्टी हाईकमान और महासचिव केसी वेनुगोपाल इसकी जानकरी प्रदेश इकाई को जरुर देते.
मुख्यमंत्री पद के लिए पांच दिन चला था मंथन
13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे, कांग्रेस ने 224 सीट में 135 में जीत दर्ज कर बहुमत लायी थी. शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए पांच दिन मंथन चला था. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सीएम पद की दावेदारी थी. इसमे आलाकमान ने सिद्धारमैया को चुनाव और डिप्टी सीएम के लिए डीके शिवकुमार को मनाया.
8 विधायक बने थे कैबिनेट मंत्री
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ आठ अन्य विधायकों ने भी कर्नाटक कैबिनेट में मंत्रियों के रूप में शपथ ली. आठ विधायकों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे भी शामिल हैं. फिलहाल लोकसभा चुनाव तक शायद ही कर्नाटक कांग्रेस में कलह देखने को मिले. हालांकि, ढाई साल गुजरने के बाद यह मुद्दा एकबार फिर गरमायेगा. ऐसी उम्मीद की जा रही है