दुमका(DUMKA): दुमका के चर्चित पेट्रोल हत्या कांड में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्रा की अदालत ने मुख्य अभियुक्त शाहरुख हुसैन एवं उसके सहयोगी नईम अंसारी उर्फ छोटू को सश्रम आजीवन कारावास की सजा और कुल ₹1.05 लाख की जुर्माना सुनाई है. 51 गवाहों की गवाही गुजरने के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया.
क्या है मामला
मामला 23 अगस्त 2022 की है जब नगर थाना के एक मुहल्ला में घर में सोयी एक किशोरी के ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गयी थी. इलाज के दौरान 27 अगस्त को रांची के रिम्स में किशोरी की मौत हो गयी थी. किशोरी की मौत पर दुमका में जमकर बबाल हुआ था. न्याय की मांग को लेकर भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष नीतू झा के नेतृत्व में लोग सड़कों पर उतरे थे. बाद में भाजपा नेता निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी सहित कई नेता पीड़ित परिवार के घर पहुच कर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दिया बल्कि आर्थिक मदद भी की थी.
श्रेय लेने की मची होड़, जुबानी जंग तेज
कोर्ट का फैसला आने के बाद एक बार फिर नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है. भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष नीतू झा ने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि अगर आरोपियों को फांसी की सजा होती तो और ज्यादा खुशी होती. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल साइट X पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि कोर्ट का फैसला मन को सकून देने वाला है.
विधायक दीपिका पांडेय का सवाल: उत्तराखंड की बेटी अंकिता को कब मिलेगा न्याय
वहीं इस मामले पर गोड्डा के महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह का भी बयान आया है. उन्होंने कहा कि पुलिस की कर्मठता और न्यायपालिका की तत्परता से दुमका की बेटी को न्याय मिला है. यह खबर पीड़ित परिवार को ही नहीं बल्कि झारखंड की तमाम महिलाओं को काफी सकून देने वाला है. अपने बयान में उन्होंने वैसे लोगों से एक सवाल भी पूछा है जो दुमका की बेटी को न्याय दिलाने का श्रेय अपने माथे बांध रहे हैं. उनका सवाल है कि दुमका की बेटी को तो न्याय मिल गया लेकिन यही न्याय उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को कब मिलेगा यह भी बताना चाहिए.
ज्ञात हो कि वर्ष 2022 में गोड्डा में एक नहीं बल्कि तीन तीन पेट्रोल कांड की घटना हुई. पहले मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है, जबकि अन्य दो मामले कोर्ट में लंबित है. जिस वक्त दुमका की बेटी को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे थे, उस वक्त उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गयी थी. अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी. अंकिता 8 सितंबर 2022 को लापता हो गई थी. अंकिता की 18 सितंबर 2022 को चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी गई. सात दिन बाद 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला नहर से बरामद किया गया.
रिपोर्ट: पंचम झा