चाईबासा(CHAIBASA): पश्चिमी सिंहभूम जिले में इनदिनों अफसरशाही इस कदर बढ़ चढ़ चल रही है कि विधायक सांसद के द्वारा लाई गई योजना कि स्वीकृति मिलने के बाद भी उस योजना का निर्माण कार्य पूरी नहीं कराया जा रहा है. ऐसी ही एक योजना जिले के जगन्नाथपुर अनुमंडल में देखने कौ मिलेगी. जबकी राज्य में महागठबंधन यानी झामुमो व कांग्रेस की सरकार है और इस क्षेत्र में एक मात्र सिंहभूम में महिला सांसद के रूप में गीता कोड़ा है फिर भी अनुशंसा मिलने के बाद कार्य पूरा नहीं कराया जाना यह स्थानीय जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की समझ से परे है. जगन्नाथपुर कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय भवन का अधूरा कार्य को पुरा कराने के लिए विभाग से एनओसी प्राप्त होने के बाद भी उक्त महत्त्वपूर्ण योजना को पूर्व की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाना क्षेत्र के गरीब आदिवासी छात्राओं के साथ अन्याय है.
दायर की जाएगी जनहित याचिका
हेमंत सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतर करने का प्रयास कर रही है. गरीब आदिवासी छात्राओं को शिक्षा का लाभ दिलाने का प्रयास कर रही है. वहीं जिला प्रशासन इस मामले में उदासीन नजर आ रही है. विभाग ने जब डीएमएफटी से उक्त अधूरे भवन को पूरा करने की सहमति देते हुए एनओसी दे दी है तो फिर किस लिए इस की स्वीकृति जिला प्रशासन नही दे रही है. इस सम्बन्ध में जदयू के जिलाध्यक्ष विश्राम मुंडा ने सवाल करते हुए जिला के उच्चाधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया है. जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण आज जनता के बीच माननीय लोग बदनामी का शिकार हो रहें हैं,नेतागण की छवि खराब हो रहा है. इस योजना को पूरा कराने के लिए जनहित याचिका दायर किया जायेगा.
रिपोर्ट: संतोष वर्मा, चाईबासा
