देवघर (DEOGHAR) : देवघर जिला का मधुपुर विधान सभा क्षेत्र झारखंड का हाई प्रोफाईल विधान सभा क्षेत्रो में से एक माना जाता है. क्षेत्र संख्या 13 मधुपुर में पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य, सिंचाई, रोजगार और शिक्षा जैसी बुनियादी जरुरतो की शुरु से कमी रही है. रोजी-रोजगार की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने के कारण पलायन यहां की बड़ी समस्या रही है. मधुपुर में नगरपालिका होने के बाद भी शहरी क्षेत्र के लोगो को हमेशा पेयजल, साफ-सफाई, ड्रैनेज सिस्टम और यातायात की समस्याओ से रुबरु होना पड़ता है.देवघर जिला का अनुमंडल मुख्यालय होने के बाद अब इसे जिला बनाने की मांग लगातार होती रही है. जिसने भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया अधिकांश सरकार में मंत्री पद पर आसीन रहे, लेकिन जिला बनाने में किसी ने भी कोई ठोस पहल नहीं की. मधुपुर दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है. पिछले कुछ वर्षो में शहरी आबादी में हुए अचानक इजाफा के कारण रेलवे ओवरब्रिज की मांग भी की जाती रही है. साथ ही मधुपुर जिस तरह विकास होना चाहिए उस तरह का विकास की भी मांग की जा रही है.
इतनी जनसंख्या और इतने मतदाता है क्षेत्र में
झारखंड का मधुपुर विधानसभा क्षेत्र बहुत हाइ प्रोफाइल है. मुस्लिम, दलित, आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां की जनता हर 5 साल में विधायक को बदलते आ रही है. मधुपुर विधानसभा की मौजूदा जनसंख्या 5 लाख 70 हज़ार 982 है. इनमें से कुल मतदाता 3 लाख 67 हज़ार 888 है. जिसमे पुरुष मतदाता 1,89,985 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,77,903 है. युवा मतदाता 18 से 19 वर्ष वालों की संख्या 21 हज़ार 834 है. इस विधानसभा क्षेत्र के 384 भवनों में मतदान केंद्रों की कुल संख्या 409 है. बात जातीय समीकरण की करें तो तकरीबन 1 लाख मुस्लिम, 60 हज़ार दलित, 45 हज़ार आदिवासी के अलावा ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, वैश्य इत्यादी की संख्या है.
सीधा मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच अभी तक बना हुआ है
मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने गंगा नारायण सिंह पर भरोसा जताया है. उन्हें दुबारा टिकट दिया है. गंगा नारायण सिंह आजसू से भाजपा में शामिल हुए थे और 2021 के उपचुनाव में झामुमो के प्रत्याशी हाफिजुल हसन से हार गए थे. लगातार क्षेत्र में बने रहने के कारण फीडबैक के आधार पर भाजपा ने गंगा नारायण सिंह को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. इससे पहले इस क्षेत्र से पूर्व मंत्री राज पलिवार विधायक हुआ करते थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नही दिया. मधुपुर विधानसभा से 1985 और 1990 में कांग्रेस के टीकट पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित विनोदानंद झा के पुत्र कृष्णानंद झा चुनाव जीते थे. इसके बाद मधुपुर सीट पर झामुमो का डबडबा रहा है. कृष्णानंद झा के बाद इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व हाजी हुसैन अंसारी ने 1995,2000,2009 और 2019 में किया था. 2020 में इनका निधन हो गया. तब से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व इनके बेटे हाफिजुल हसन कर रहे है. जो हेमंत सरकार में मंत्री पद पर काबिज है. वहीं 2005 में भाजपा के राज पलिवार चुनाव जीते थे. फिर राज पलिवार 2014 का चुनाव जीत कर रघुवर सरकार में मंत्री बने.
यानी जनता के मूड को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यहां जागरूक जनता है और झारखंड गठन के बाद हर 5 साल में विधायक को बदल देती है. यहां चुनाव 20 नवंबर को होना है. अभी तक सीधा मुकाबला संभावित झामुमो प्रत्याशी हाफिजुल हसन और भाजपा के उम्मीदवार गंगा नारायण सिंह के बीच देखा जा रहा है. लेकिन अन्य दलों के उम्मीदवार के आने से दोनो का खेल भी बिगड़ सकता है. अब देखना होगा 23 नवंबर को की जनता किसे इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका देती है.