दुमका(DUMKA):झारखंड की उपराजधानी दुमका वैसे तो कृषि प्रधान जिला माना जाता है. इसके बाबजूद यहां के शिकारीपाड़ा, काठीकुंड और गोपीकांदर प्रखंड में पत्थर का खनन और परिवहन उद्योग का रूप ले चुका है. कई व्यवसायी लीज लेकर पत्थर का खनन और क्रशर प्लांट चला रहे है तो कई सफेदपोश और माफिया अवैध रूप से इसका संचालन कर रहे हैं. अवैध करने वाले लोग इतने बेख़ौफ़ है कि उन्हें ईडी का भी भय नहीं. जबकि बगल के साहेबगंज जिला में पत्थर का अवैध खनन और परिवहन करने वालों का क्या हश्र हो रहा है इससे भली भांति वाकिफ है.ताजा मामला दुमका के शिकारीपाड़ा का है जहां बगैर समुचित दस्ताबेज के सीटीएस कंपनी द्वारा क्रशर प्लांट संचालित किया जा रहा था. प्रसासनिक टीम की जांच से इसका खुलासा हुआ है.
रैक के जरिए जो स्टोन चिप्स बाहर जाता है
शिकारीपाड़ा प्रखंड के हरिपुर में संचालित सीटीएस कंपनी के स्टोन क्रशर में बुधवार प्रशासनिक टीम में धावा बोला. टीम का नेतृत्व दुमका के अपर समाहर्ता राजीव कुमार कर रहे थे. इसके साथ ही एसडीएम कौशल कुमार, डीटीओ पी बारला, डीएमओ कृष्ण कुमार किस्कूऔर शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी उमेश राम मौजूद थे. मौके पर मौजूद कंपनी के मैनेजर से जांच टीम ने जब चालान, लाइसेंस और अन्य दस्तावेज की मांग की तो मैनेजर द्वारा कहा गया कि हमारे पास कोई भी दस्ताबेज नहीं है. जांच दल ने मैनेजर से जब यह पूछा कि तैयार स्टोन चिप्स को कहां सप्लाई करते हैं तो कहा कि पिनरगड़िया रेलवे स्टेशन पर रैक के जरिए जो स्टोन चिप्स बाहर जाता है वहां सप्लाई किया जाता है.
रैक पॉइंट के नजदीक 4 से 5 की संख्या में जो जेसीबी
टीम ने मैनेजर को साथ लिया और पिनरगड़िया स्टेशन पहुंच गई. वहां स्टोन क्रशर मालगाड़ी में लोड करा रहे हैं लोगों ने इस बात से इनकार किया कि यह चिप्स सीटीएस कंपनी के द्वारा लाया गया है. लेकिन वहां टीम को एक अनियमितता यह दिखाई दी कि रेलवे रैक पॉइंट के नजदीक 4 से 5 की संख्या में जो जेसीबी था, उनमें किसी का कागजात नहीं था. सभी जेसीबी पर अग्रेतर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
स्टोन क्रशर प्लांट के पास किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं
दुमका के जिला परिवहन पदाधिकारी पी.बारला ने कहा कि स्टोन चिप्स लोड कुछ ट्रक को पकड़ा गया. ट्रक चालकों द्वारा इससे संबंधित कोई चालान नहीं दिखाया गया. चालक द्वारा यह जानकारी दी गयी कि स्टोन चिप्स सीटीएस स्टोन क्रशर से लेकर आ रहे हैं. डीटीओ ने बताया कि पाकुड़ उपायुक्त ने दुमका उपायुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि वहां पत्थर चालान में गड़बड़ी हो रही है. इस तरह का अनिमितता सामने आने के बाद दुमका उपायुक्त ने एक जांच टीम का गठन किया तो यह पाया कि प्रतिदिन लाखों का कारोबार करने वाले सिटीएस स्टोन क्रशर प्लांट के पास किसी तरह का कोई दस्तावेज नहीं है और वह मनमानी तरीके से स्टोन चिप्स का धंधा कर रहा है.
सीटीएस स्टोन क्रशर कंपनी के पास क्या कागजात है और क्या नहीं है यह तो जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन प्रथम दृष्टया कंपनी द्वारा गलत तरीके से स्टोन चिप्स बेचने का मामला स्पष्ट हो चुका है. आगे क्या कार्यवाई होती है यह देखना दिलचस्प होगा.