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पेड़ा के बाद अब तिलकुट बन रहा बाबाधाम की पहचान, स्थानीय को भी मिल रहा रोजगार

पेड़ा के बाद अब तिलकुट बन रहा बाबाधाम की पहचान, स्थानीय को भी मिल रहा रोजगार

देवघर (DEOGHAR) : बाबानगरी देवघर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वैसे तो प्रसाद के रुप में पेड़ा उनकी पहली पसंद होती है, लेकिन सर्दी के मौसम में यहां आने वाले यात्रियों द्वारा यहां तैयार किये गए तिलकुट की भी बड़े पैमाने पर खरीद की जाती है.

बाबानगरी के पेड़े के बाद तिलकुट लोगों को कर रहा आकर्षित

यूं तो बाबानगरी का पेड़ा प्रसाद के तौर पर सभी तीर्थयात्रियों की पहली पसंद होती है. लेकिन तीर्थ यात्रियों द्वारा सर्दी का मौसम आते ही बाबाधाम में यहां के बने तिलकुट की भी जमकर खरीदारी की जाती है. इन दिनों हर तरफ तिलकुट की सोंधी खुशबू और जगह-जगह दुकान लगा कर सामने में तैयार किये जा रहे तिलकुट की ओर हर आम और ख़ास स्वतः खींचा चला आता है. तिलकुट तैयार करने वाले कारीगरों सहित दुकानदारों को भी सर्दी के मौसम का सालों भर इन्तजार रहता है. यहां तैयार किये गए तिलकुट खाने में काफी लज़ीज तो होते ही हैं. खास बात है कि इसे काफी दिनों तक रखे जाने के बाद भी इसका स्वाद जस का तस बना रहता है. यही कारण है कि सर्दी के मौसम में यहां आने वाले पर्यटक या तीर्थयात्री बड़ी मात्रा में इसकी खरीद कर बाबाधाम की सौगात के तौर पर ले कर लौटते हैं. या फिर स्थानीय इसे अपने सगे संबंधियों को बाहर भेजते हैं.

धीरे धीरे उद्योग का ले रहा है रूप

खास तरीके से तैयार किये गए यहां के तिलकुट की ख़ास बात है कि जो भी एक बार इसका स्वाद चख लेता है वो दोबारा सर्दी के मौसम में यहां आने पर इसका स्वाद लेना नहीं भूलता है. यही वजह है कि पेड़ा के साथ यहां का तिलकुट भी अब बाबाधाम की पहचान बनने लगा है. छोटे-बड़े सैकड़ो दुकान में इसे तैयार कर रहे कारीगर सभी स्थानीय है. सैकड़ो लोगों का जीवन यापन करने वाला यह तिलकुट व्यवसाय के बढ़ावा के लिए सरकार पहल करें तो यह सिर्फ उद्योग का रूप नहीं लेगा बल्कि इससे हज़ारो लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मुहैया कराया जा सकता है.

बाजार में तिलकुट का दाम

मकर संक्रांति के अवसर पर तिल या तिल से निर्मित मिष्ठान खाने की परंपरा चली आ रही है. इसको लेकर देवघर के बाजारों में 240 रुपये प्रति किलो की कीमत पर गुड़ और चीनी वाले जबकि 320 रुपये किलो खोया वाली तिलकुट बिक रहा है. वहीं तिल वाला लड्डू 50 और 60 रुपये कीमत 250 ग्राम के लिए निर्धारित है. वहीं तिल से बना रेवड़ी 200 रुपये किलो बिक रहा है.

रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर

Published at:12 Jan 2023 12:19 PM (IST)
Tags:After Peda Tilkut is now becoming the identity of BabadhamDeoghar newsdeoghar dcjharkhand latest newsthe news post
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