लातेहार (LATEHAR) : लातेहार ज़िले के बालूमाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत धाधु ग्राम में बीती रात हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया. जहां उमेश यादव के खलिहान में रखे तीन ट्रैक्टर धान को चट कर गए और सरस्वती मसोंमात के घर में रखे डेढ़ क्विंटल धान को नष्ट कर दिया. इतना ही नहीं विजेंद्र भगत के 6 डिसमिल में लगे गोभी, लहसुन और आलू की फसल को बर्बाद कर दिया. वहीं 2 एकड़ में लगे बागवानी को भी रौंद दिया. घटना की जानकारी मिलते ही धाधु पंचायत के मुखिया कुमारी भगवती और समाजसेवी रामबृक्ष उरांव गांव पहुंचे और ग्रामीणों को वन विभाग से उनके हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया. वहीं ग्रामीण लगातार वन विभाग से हाथियों के झुंड को गांव से बाहर खदेड़ने की मांग कर रहे हैं.
पलामू में हाथियों ने ली कई जान
जगंली हथियों के उत्पात की यह कोई पहली घटना नहीं है. बीते गुरूवार को राज्य के पलामू में भी हथियों का आतंक देखने को मिला था. यहां हुसैनाबाद के कई क्षेत्रों में हाथियों ने ग्रमीणों को मोत के घाट उतार दिया. सबसे पहले लगभग 12 से 15 हाथियों का झूंड भटकते हुए किशुनपुर गांव में पहुंचा. जहां हाथी ने एक व्यक्ति को पटका दिया. ग्रामीणों ने आनन-फानन में व्यक्ति को हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचा जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर किया. एक की मौत के बाद भी हाथियों का आतंक नहीं थमा. हुसैनाबाद के हनुमान विगहा में करीब 8-10 की संख्या में जंगली हाथी ने हमला बोल दिया. इसके बाद हाथियों का झूंड हुसैनाबाद के किशुनपुर होते हुए पछियारी जपला पहुंचा और इस बीच हो मासूमों को पटक कर मौत के घाट उतार दिया. घटना को लेकर ग्रमीणों में दहशत है.
जानिये झारखंड में हाथियों से नुकसान के आंकड़े
झारखंड में हाथियों के कारण हर वर्ष ग्रामीणों को जान गंवानी पड़ती है. 2021 में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक गत 11 साल में लगभग 800 लोगों की मौत हाथियों के कारण हुई है. पिछले आठ साल में विभिन्न कारणों से 60 हाथियों की मौत हो चुकी है. पांच हाथियों को तस्करों ने मार डाला, ट्रेन दुर्घटना से चार हाथियों, बीमारी से पांच हाथियों और आठ हाथी की मौत विभिन्न हादसों में हुई. जबकि एक हाथी को वन विभाग के आदेश के बाद 2017-18 में मारा गया था. 14 हाथियों की अप्राकृतिक मौत हुई है. आठ हाथियों की मौत अधिक उम्र हो जाने के कारण हुई है.