दुमका (DUMKA): झारखंड सरकार बार बार कह रही है कि केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. राज्य का ₹1.36 लाख करोड़ बकाया नहीं दे रही है. इसको लेकर राज्य में भाजपा और इंडिया गठबंधन के नेताओं के बीच शब्दबाण चलते है. कभी अनुरोध किया जाता है तो कभी धमकी भी दी जाती है.
नल जल योजना का केन्द्रांश ₹6500 करोड़ बकाया
इस सबके बीच मंत्री बनने के बाद पहली बार दुमका पहुंचे पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री योगेंद्र प्रसाद मंत्री एक और बकाया का खुलासा किया. परिषदन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा की नल जल योजना का केन्द्रांश ₹6500 करोड केंद्र सरकार के पास बकाया है, जिसे केंद्र सरकार नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि नल जल योजना के एसओपी के तहत 50% केन्द्रांश और 50% राज्यांश है. कुल 22000 करोड रुपए की योजना है. झारखंड में अब तक केन्द्रांश और राज्यांश मिलाकर ₹11000 करोड़ रूपया खर्च किया जा चुका है. लेकिन मार्च 2024 से अब तक केन्द्रांश नहीं मिला है. ₹6500 करोड केंद्र सरकार से लेना है।.
2014 की योजना 2024 में होनी थी पूर्ण, बढ़ाकर किया गया वर्ष 2028
मंत्री ने कहा कि जब केन्द्रांश ₹6500 करोड मिल जाएगा तभी राज्यांश भी मिलेगा. केन्द्रांश नहीं मिलने के कारण कई योजनाएं आधार में लटकी हुई है. 2014 की यह योजना 2024 में पूर्ण होनी थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे बढ़ाकर 2028 कर दिया है.
90% पूर्ण योजना को राज्यांश से किया जाएगा पूर्ण: मंत्री
मंत्री योगेन्द्र प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार आम लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर गंभीर है. गर्मी में लोगों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर सरकार का यह प्रयास है कि वैसी योजनाओं को चिन्हित कर राज्यांश से पूरी किया जाए जो 90% पूरी हो चुकी है.
मंत्री का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है. गर्मी दस्तक देने वाला है. गर्मी के मौसम में पेयजल संकट कोई नई बात नहीं. आने वाले समय में राज्य सरकार ₹1.36 लाख करोड़ बकाया के अलावे ₹6500 करोड़ की भी मांग करेगी.
रिपोर्ट: पंचम झा