देवघर (DEOGHAR):बाबानगरी देवघर विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है.यहां सालों भर लोगों का तांता लगा रहता है.पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग बैद्यनाथ की पूजा करने लोगों का आवागमन प्रतिदिन रहता है.देवघर में कई ऐसे पर्यटन स्थल है, जहां का मनोरम दृश्य देखने और आनंद उठाने के लिए सैलानी खासकर सर्दियों के मौसम में बड़ी संख्या में आते हैं.अगर बात नया साल के जश्न की करें तो देवघर की बात ही अलग है.31 दिसंबर का जश्न भी लोग मना लेते हैं और 1 जनवरी को बाबा मंदिर में पूजा अर्चना कर साल की शुरुआत भी कर लेते है.पूजा अर्चना के बाद पर्यटन स्थलों का आनंद लेते हुए पिकनिक भी मना लेते हैं.ऐसे में देवघर में नए साल के जश्न की तैयारी शुरू हो गई है.इस अवसर पर बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग यहां पहुंचते है.अभी से ही सारे होटल लगभग फूल हो चुके है.आलम यह है कि अधिकांश होटलों में एक भी कमरा उपलब्ध नहीं होने से अन्य लोगो को देवघर में नया साल मनाने की इक्छा अब सपना लगने लग रहा है.
लगभग सवा सौ होटल संचालित और सभी मे उपलब्ध नहीं है रूम
नववर्ष के अवसर पर बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग देवघर पहुंचते हैं.देवघर में लगभग सवा सौ होटल हैं जहां ठहरने की अच्छी व्यवस्था है.आलम ये है कि अभी से ये सभी होटल लगभग बुक हो चुके हैं.होटल व्यवसायियों द्वारा भी बाहर से आने वाले अतिथियों के स्वागत की अच्छी तैयारी की गई है.होटल व्यवसायियों को नए वर्ष के अवसर पर यहां पहुंचने वाले यात्रियों से काफी उम्मीद है.होटल व्यवसायियों की माने तो नया साल के जश्न को मनाने के लिए सभी कोई अपने अपने तरीके से आकर्षित करने वाली तैयारी की जा रही है.
मांग के अनुरूप तो नही फिर भी 1 करोड़ की शराब गटक जायेंगे लोग
बिहार का सीमावर्ती जिला होने की वजह से नए साल के जश्न के अवसर पर शराब की आवाजाही पर विशेष नजर रखी जाती है.आबकारी विभाग ने इसके लिए विशेष दल का गठन कर अंतरराज्यीय सीमा पर विशेष नज़र रखने का फैसला किया है.हालांकि इस अवसर पर घरेलू खपत में इज़ाफा होने से विभाग को अच्छे राजस्व की प्राप्ति की भी उम्मीद है.विभाग को उम्मीद है कि नया साल का जश्न सालाना लक्ष्य की प्राप्ति में काफी मददगार साबित हो सकता है.वहीं दूसरी ओर जितना मांग है शराब की उतनी पूर्ति विभाग से नहीं होने जा रही है फिर भी नया साल पर लोगो द्वारा 1 करोड़ का शराब गटक जाने की उम्मीद विभाग को है.
खूब बढ़ रहा है होटल व्यवसाय
होटल हो या शराब व्यवसाई ऐसे में नए साल के अवसर पर जुटने वाली भीड़ के लिए सभी अपने अपने ढंग से तैयारी कर रहे है.देवघर स्थित बाबा मंदिर इस क्षेत्र का एकमात्र आर्थिक कमाई का जरिया है,लेकिन जिस तरह होटलों में रूम नही उपलब्ध है वैसे में यह कह सकते हैं कि बाबा मंदिर के बाद यहां होटल का व्यवसाय भी फलने फूलने लगा है जो धीरे धीरे एक उद्योग का दर्जा ले रहा है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा