रांची (RANCHI): झारखंड की जनता ने इंडी गठबंधन को 23 नवंबर को जनादेश देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चौथी बार गद्दी पर बैठाया है. 28 नवंबर को सीएम ने 14वे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिसके बाद मंत्रिमंडल के सभी 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली और आज यानी 6 दिसंबर को तमाम मंत्रियों को विभाग का आवंटन कर दिया गया है. हेमंत सोरेन के मंत्रिमडल विस्तार के बाद झारखंड की राजनीति में बड़े बदलाव की आशंका जताई जा रही है. लेकिन सबसे ताजूब की बात यह है कि वर्ष 2019 में बनी हेमंत सोरेन सरकार की पहली कैबिनेट में शामिल कोई भी मंत्री वर्तमान सरकार में शामिल नहीं हो सका. इस स्थिति के पीछे अलग-अलग कारण हैं. 2019 में कांग्रेस, झामुमो और राजद कोटे से मंत्री बने थे. इस बार या तो वे चुनाव हार गए, पार्टी बदल दी, या अन्य जिम्मेदारियां निभा रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन-कौन मंत्री थे जिन्होंने पिछली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन इस बार रिपीट नहीं कर पाए.
- रमेश्वर उरांव . इस लिस्ट में सबसे पहला नाम लोहरदगा के कांग्रेस कोटे से विधायक, जिन्हें पिछली सरकार में पिछली सरकार में वित्त मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है.
- बन्ना गुप्ता. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है बन्ना गुप्ता जो पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे, लेकिन इस बार के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना, जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें मंत्री नहीं बनाए गए.
- आलमगीर आलम फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जेल में हैं. इस बार उन्होंने विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा.
- बादल पत्र लेख - पिछली सराकर में कृषि मंत्री थे. उन्हें हेमंत सोरेन की दूसरी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था. इस वर्ष वे चुनाव हार गये.
- सत्यानंद भोक्ता पिछली सरकार में श्रम मंत्री रहे, लेकिन भोक्ता ने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा.
- जोबा मांझी पिछली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री थे. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में जोबा मांझी चुनाव जीत कर लोकसभा सांसद बन गई है.
- मिथिलेश ठाकुर पिछले 2019 में पेयजल विभाग संभाल रहे थे. लेकिन 2024 के चुनाव मिथिलेश ठाकुर लेकिन हार गए.
- जगरनाथ महतो पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रहे, लेकिन कार्यकाल के दौरान ही जगरनाथ महतो का निधन हो गया
- हाजी हुसैन अंसारी. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहे हाजी हुसैन अंसारी का भी मंत्री पद पर रहते हुए निधन हो गया. ऐसे में देखे तो 2019 की हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री इस बार मंत्री पद पर वापस नहीं लौट सके.