धनबाद(DHANBAD): ना कोई पैरवी और न हीं कोई गणेश परिक्रमा, लेकिन पोस्टिंग क्षमता और ट्रैक रिकॉर्ड के अनुसार. धनबाद में दूसरे जिलों से आ रहे पुलिस अधिकारियों को धनबाद एसएसपी की यह कार्रवाई चौका रही है. धनबाद के लोग भी कई वर्षों बाद यह व्यवस्था देख रहे हैं. वर्तमान एसएसपी एचपी जनार्दन के कार्यभार ग्रहण करने के पहले धनबाद पुलिस काफी फजीहत झेल चुकी थी. आंदोलन चल रहे थे. कोयला चोरों का साम्राज्य कायम हो गया था. बात-बात पर गोली और बम चल रहे थे. इन परिस्थितियों के बीच एचपी जनार्दनन ने यहां कार्यभार ग्रहण किया और यहां की परिस्थितियों को समझते हुए ताबड़तोड़ सुधार के काम किए. यहां ग्रामीण एसपी के पद पर काम करने का अनुभव भी काम आया.नतीजा हुआ कि हालत धीरे-धीरे सुधरने लगे और सुधारते चले गए.
फिलहाल 3 वर्षों से अधिक समय से धनबाद में जमे पुलिस अधिकारियों का तबादला किया जा रहा है. नए पुलिस अधिकारी दूसरे जिलों से रिलीव होकर धनबाद आ रहे हैं. उन्हें बिना किसी सिफारसी पत्र,बगैर किसी गणेश परिक्रमा के जीटी रोड के बड़े-बड़े थाने मिल जा रहे हैं. वह वहां के थानेदार बन रहे हैं. मतलब साफ है कि पोस्टिंग से खुश होने के बजाय काम करना होगा. अन्यथा चाबुक तो चलेगा ही. धनबाद जिले में थानों में अगर काबिलियत के अनुसार पोस्टिंग हो जाए तो फिर सुधार होना बिलकुल स्वाभाविक है. नए एसएसपी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद बहुत सारे सुधार दिख रहे हैं. मोहल्ला पुलिसिंग का काम भी तेजी से चल रहा है. लोगों की शिकायत दूर की जा रही है. लोगों से आह्वान किया जा रहा है कि वह कानून के दायरे में रहकर अपना काम करें. कानून को आंख दिखाने की कोई कोशिश नहीं करे. आंख दिखाने वालों की जगह सड़क नहीं, जेल होगी.
कई सालों के बाद धनबाद के लोगों को यह सुखद अनुभूति हो रही है. एसएसपी ने प्रभात खबर को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि धनबाद पुलिस जल्द ही नए कलेवर में दिखेगी. महिलाओं की सुरक्षा से लेकर शहर की निगरानी के लिए पुलिसिंग के लेवल को अपग्रेड करने के लिए काम शुरू कर दिए गए हैं. इसके लिए सिटी एसपी अजीत कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है. इसमें ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी, डीएसपी लॉ ऑर्डर , डी एसपी 1 ,2 के अलावा ट्रैफिक डीएसपी को भी इसमें रखा गया है. जिला में पुलिसिंग अपग्रेड करने के साथ संगठित गिरोह पर नकेल कसने, ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए यह कमेटी काम करेगी. एस एसपी के अनुसार शहर की सुरक्षा के लिए नगर निगम की ओर से 10 करोड रुपए की लागत से शहर के विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है. कैमरा लगने के बाद एक कंट्रोल रूम बनेगा. उसमें पुलिस पदाधिकारी और जवानों की 24 घंटे तैनाती रहेगी. इसके पहले उन्हें निगरानी की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद ट्रेंड पुलिस अधिकारी व कर्मी पूरे शहर की निगरानी करेंगे.
ट्रैफिक व्यवस्था कंट्रोल करने के लिए कई जगह पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएंगे. महिलाओं की सुरक्षा के लिए पहले से पिंक पेट्रोलिंग की गश्ती निकलती थी, लेकिन पिछले कई महीनों से यह सुस्त थी. अब फिर से पिंक पेट्रो लिंग को सक्रिय किया जा रहा है. कुछ महीने पहले धनबाद को स्कूटी मिली थी. उसका उपयोग महिला पुलिस पदाधिकारी व जवान ड्यूटी में करते दिखेंगे. खासकर स्कूल, कॉलेज, बाजार व अन्य वैसे सभी स्थान पर जहां पर महिलाओं का आना-जाना लगा रहता है, वहां पिक पेट्रोलिंग होगी. कोयला क्षेत्र होने के कारण धनबाद में अपराध और इसका तरीका थोड़ा भिन्न होता है. यहां उम्दा पुलिसिंग की जरूरत हमेशा महसूस की जाती है. एक लंबे अंतराल के बाद धनबाद के लोग नए ढंग की पुलिसिंग का अनुभव कर रहे हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो