दुमका (DUMKA) : दुमका में बस स्टैन्ड पर लगातार हो रहे धरना में अब आखिरकार 24 घंटे बाद दुमका बस पड़ाव से बसों का परिचालन सामान्य हो पाया है. जिला प्रशासन द्वारा एक सप्ताह के अंदर बस स्टैंड परिसर में सुरक्षा के मुकम्मल व्यवस्था का भरोसा दिए जाने के बाद बस स्टैंड के कर्मी और बस मालिक ने अनिश्चितकालीन बस हड़ताल को वापस ले लिया है.
जानिए क्या है मामला
इस मामले के बारे में बता दें कि सोमवार को दुमका बस पड़ाव में मारपीट और तोड़फोड़ की घटना घटी थी. बस स्टैंड के एक कर्मी पर एक युवक के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था. इसके विरोध में युवाओं की टोली बस स्टैंड पहुंचकर जमकर तोड़फोड़ की और बस स्टैंड के कर्मियों के साथ मारपीट भी की थी. तोड़फोड़ और मारपीट की घटना के बाद युवाओं की टोली सड़कों पर उतरकर आवागमन को बाधित कर दिया था. सड़क जाम समाप्त कराने के क्रम में पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत में लिया, लेकिन देर रात तीनों को छोड़ना पड़ा. साथ ही आरोपी बस स्टैंड के कर्मी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया.
चक्का जाम करवाया गया समाप्त
इस घटना में मंगलवार की सुबह जब बस स्टैंड के कर्मियों और बस मालिकों को इस बात की जानकारी मिली तो सभी नगर थाना में धरना पर बैठ गए. अपने सहयोगी को छोड़ने की मांग और बस स्टैंड में मुकम्मल सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग को लेकर सभी नगर थाना में डटे रहे। सूचना मिलने पर एसडीओ कौशल कुमार, सीडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी और डीएसपी मुख्यालय विजय कुमार नगर थाना पहुंचे. हिरासत में लिए गए बस स्टैंड कमी को रिहा किया गया. उसके बाद अधिकारियों की टोली बस स्टैंड पहुंची और यूनियन के साथ वार्ता कर चक्का जाम को समाप्त करवाया.
बसों का परिचालन सामान्य
इस बाबत यूनियन लीडर का कहना है कि प्रशासन ने एक सप्ताह का समय लिया है. एक सप्ताह के अंदर अगर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई तो एक बार फिर अनिश्चितकालीन चक्का जाम के लिए बाध्य होंगे। वहीं पूरे मामले पर एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि बस स्टैंड की मुकम्मल सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. स्टैंड परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाने के साथ-साथ सुरक्षा बलों की प्रति नियुक्ति की जाएगी ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो. इस तरह लगभग 24 घंटे बाद दुमका बस पड़ाव से बसों का परिचालन सामान्य हो पाया और लोगों ने राहत की सांस ली. लेकिन एक सवाल यहां जरूर खड़ा होता है कि आखिर क्यों बस स्टैंड परिसर में ही इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति होती है. इस पर अंकुश लगाना प्रसासन के समक्ष एक बड़ी चुनोती है.
रिपोर्ट: पंचम झा