दुमका(DUMKA): दुमका जिला के रामगढ़ प्रखंड के हेठग्रहण गांव में 12 साल बाद एक बार फिर आज मोड़ें मांझी की संभावित बैठक है. इसकी जानकारी मिलते ही प्रशासन रेस हो गया है. बीडीओ सह सीओ कमलेंद्र सिन्हा, थाना प्रभारी अरविंद कुमार राय ने कल शुक्रवार को पुलिस बल के साथ सिलठा बी पंचायत के हेठ ग्रहण गांव पहुंचे और मुखिया रामलाल हांसदा की अध्यक्षता में ग्रामीणों के साथ बैठक कर एक शांति समिति का गठन किया, जो 8 अप्रेल को हेठग्रहण में मौडे मांझी की बैठक पर लोगों की सुरक्षा तथा प्रशासन को सहयोग करेगी. हलांकि पुलिस मोड़े मांझी की बैठक होने की सूचना अफवाह बता रही है. थाना प्रभारी अरविंद कुमार राय ने बताया कि 8 अप्रैल को बुलाया गया मोड़ें मांझी की बैठक महज एक अफवाह है. फिर भी इस गांव में लगभग एक दशक पुर्व मोड़ें मांझी की बैठक में दो आदमी को जिंदा जला दिया गया था. लोगों को भयमुक्त करने तथा विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए हेठग्रहण गांव में मैजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
मां की हत्या के मामले में बुलाई बैठक
सूत्रों की मानें तो सिलठा बी पंचायत के हेठग्रहण गांव के छोटका मुर्मू की वृद्ध मां 1 अप्रेल को घर से गायब हो गयी. 3 अप्रैल को गांव के बाहर ग्रामीणों ने वृद्ध महिला के शव को कुएं से निकाला था. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम भी कराया, लेकिन छोटका मुर्मू इसे हत्या मान रहा है. अपनी मां की हत्या के मामले में उसने ही मोड़े मांझी बैठक बुलाने की पहल की है. हालांकि प्रशासन को इन गतिविधियों का पता चल गया और प्रशासन रेस हो गया. प्रशासन ने गांव के लोगों से शांति की अपील करते कहा है कि डरने की कोई बात नहीं है. प्रशासन की हर गतिविधियों पर पैनी नजर है।
घर छोड़कर भाग रहे गांव के लोग
दरअसल गुरुवार से जब हेठग्रहण तथा आसपास के गांव के लोग जब अपना घर छोड़कर भागने लगे तो मुखिया रामलाल हांसदा ने लोगों से इसका कारण पूछा. उन्हें बताया गया कि गांव में मौडे मांझी की बैठक होने वाली है इसलिए डर से लोग गांव छोड़कर भाग रहे हैं. बता दें वर्ष 2012 में हेठग्रहण गांव में मोड़ें मांझी की बैठक में पंचायत ने दो आदमी को जिंदा जला देने का फरमान जारी किया था और और दोनों आरोपियों को लोगों ने जिंदा जला भी दिया था. इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए मुखिया रामलाल हांसदा ने प्रशासन को इसकी जानकारी दी थी.
रिपोर्ट: पंचम झा