धनबाद(DHANBAD) | धनबाद के पूर्व भू अर्जन पदाधिकारी उदयकांत पाठक की संपत्ति की जांच शुरू हो गई है. धनबाद के भूमि मुआवजा घोटाले में उनकी गर्दन फंसी है. निगरानी ब्यूरो ने उदयकांत पाठक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में प्रिलिमिनरी इंक्वारी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. धनबाद के चर्चित भू अर्जन की गड़बड़ी के मामले में उदयकांत पाठक आरोपी रहे है. भू अर्जन विभाग में काम करने के दौरान उनके ऊपर आए से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा था. इसके पहले भी जांच शुरू हुई थी. प्रारंभिक रिपोर्ट में धनबाद, देवघर के नंदन पहाड़ के समीप अचल संपत्ति और रांची एवं बेंगलुरु में फ्लैट होने की पुष्टि हुई है. विभागीय अनुमति मिलने के बाद जांच शुरू कर दी गई है. जानकारी के अनुसार उदयकांत पाठक के खिलाफ घोटाले के दो मामले दर्ज है. धनसार के दुहाटांड़ रिंग रोड मुआवजा मामले में 12 करोड रुपए घोटाले की बात सामने आई थी. तिलाटांड़ आवास मुआवजा मामले में 20 करोड रुपए से अधिक की गड़बड़ी का पता चला था.
दोनों मामलों में कराई गई थी प्राथमिकी
इस मामले में 13 अप्रैल 2015 को धनसार थाने में प्राथमिक दर्ज कराई गई थी. आदिवासियों के नाम पर फर्जी तरीके से मुआवजे का भुगतान किया गया था. तिलाटांड़ आवास योजना के नाम पर हुए घोटाले में 23 जून 2015 को धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. आवास योजना में आदिवासियों और पिछड़ी जाति के 15 लोगों की जमीन ली गई थी और मुआवजा में करीब 24 करोड रुपए का घोटाला हुआ था. इस मामले में तत्कालीन जिला भू अर्जन पदाधिकारी उदयकांत पाठक, रिटायर्ड जिला भू अर्जन पदाधिकारी लालमोहन नायक, अमीन , लिपिक आदि आरोपी है. दोनों मामले में उदय कांड पाठक आरोपी है. 2015 में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. उसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. जो भी हो, यह धनबाद का बहुचर्चित मुआवजा घोटाला है. इसकी शिकायत बड़े अधिकारियों से भी की गई थी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो