धनबाद(DHANBAD) : धनबाद लोकसभा की 6 विधानसभा सीटें चुनाव परिणाम के बाद बहुत कुछ तय कर देगी. यह बता देगी कि भाजपा का दबदबा धनबाद-बोकारो में कायम रहेगा या इसमें कुछ डेंट लगेगा. परिणाम यह भी बताएंगे कि भाजपा की अंदरूनी राजनीति का क्या असर हुआ है और आगे क्या होने वाला है. सांसद ढुल्लू महतो के भी राजनीतिक दबदबा को यह परिणाम बताएगा. धनबाद लोकसभा में 6 सीटें हैं, जिनमें निरसा, धनबाद, सिंदरी, झरिया, चंदनकियारी और बोकारो शामिल है. धनबाद जिले की दो सीट टुंडी और बाघमारा गिरिडीह लोकसभा में पड़ती है. इसलिए उन दो सीटों का परिणाम गिरिडीह लोकसभा के खाते में जाएंगे. निरसा से अगर बात को शुरू की जाए, तो भाजपा और माले के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन स्थानीय लोग बताते हैं कि लाल झंडा का पलड़ा वहां थोड़ा भारी दिख रहा है. जेएलकेएम से खड़े अशोक मंडल भी इसमें एक फैक्टर हो सकते है. सिंदरी विधानसभा की बात की जाए, तो सिंदरी में भाजपा की ओर से तारा देवी उम्मीदवार है. तो माले की ओर से बबलू महतो भाग्य आजमा रहे है.
लाल झंडे के सामने भी करो या मरो की हालत
तारा देवी विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी है, तो बबलू महतो पूर्व विधायक आनंद महतो के बेटे है. सिंदरी और निरसा पहले लाल झंडा का गढ़ था, लेकिन भाजपा ने इस गढ़ को ध्वस्त कर दोनों सीटों पर भगवा फहराने में सफलता हासिल की है. लेकिन 2024 का परिणाम यह बताएगा कि सिंदरी और निरसा पर लाल झंडा फिर काबिज होगा या फिर भाजपा का पंचम लहराएगा. धनबाद सदर सीट पर भाजपा राहत की स्थिति में है. इसके कई वजह बताए जाते है. यहां भाजपा के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार अजय दुबे हैं, लेकिन उन्हें एक तो अंतिम समय में उम्मीदवार बनाया गया. उन्हें प्रचार प्रसार का अधिक मौका भी नहीं मिला. दूसरी बात यह रही कि अजय दुबे पर यह आरोप चश्मा हुआ कि वह चुनाव जीतने के बाद भी धनबाद में नहीं रहेंगे. और इस आरोप से उन्हें मतदान के दिन तक छुटकारा नहीं मिला. झरिया सीट की बात की जाए, तो झरिया में भाजपा और कांग्रेस में डायरेक्ट फाइट है. देवरानी और जेठानी की चुनावी लड़ाई का परिणाम बहुत कुछ तय करेगा. वैसे झरिया में कांटे का टक्कर है और आधा-एक परसेंट का वोट परिणाम को किसी भी करवट बदल सकता है.
चंदनकियारी और बोकारो में भी प्रतिष्ठा दांव पर
धनबाद लोकसभा की सबसे प्रतिष्ठा मूलक सीट चंदनकियारी है. इस सीट पर भाजपा की ओर से प्रतिपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी की प्रतिष्ठा दांव पर है ,तो आजसू छोड़कर झामुमो में गए उमाकांत रजक उनके सामने है. यहां जेएलकेएम के भी उम्मीदवार है. वोट में उनकी भी हिस्सेदारी होगी, लेकिन चंदनकियारी सीट जीतने के लिए भाजपा ने सब कुछ झोंक दिया. यहां तक की प्रधानमंत्री की सभा भी हुई. यह सीट बीजेपी की फंसी हुई बताई जा रही है. अगर बोकारो विधानसभा की बात की जाए, तो इस बार कांग्रेस उम्मीदवार श्वेता सिंह दिलचस्प लड़ाई बनाने में सफल रही है. 2019 में भी उन्होंने चुनाव लड़ा था लेकिन भाजपा के हाथों पराजित हो गई थी. 2024 में फिर वह कांग्रेस की उम्मीदवार बनी है. बोकारो में भी कड़ा संघर्ष दिख रहा है. इस सीट ने दोनों दलों को तनाव में ला दिया है. बोकारो के ग्रामीण क्षेत्र के वोटर फैक्टर हो सकते है. यह हुआ धनबाद लोकसभा के विधानसभा सीटों का गणित, लेकिन इतना तो तय है कि उम्मीदवार घोषणा के पहले धनबाद भाजपा महानगर में खूब राजनीति हुई. महानगर अध्यक्ष को बदलने के लिए धनबाद से लेकर रांची तक दौड़ हुई. लेकिन चुनाव को देखते हुए कोई परिवर्तन तो नहीं हुआ लेकिन अगर परिणाम अपेक्षाकृत नहीं आए, तो बहुत कुछ बदल सकता है. 2019 के चुनाव में भाजपा के खाते में निरसा, सिंदरी, धनबाद, चंदनकियारी और बोकारो सीट गई थी. यह पांचो सीट धनबाद लोकसभा क्षेत्र में आती है. छठी सीट झरिया पर कांग्रेस को जीत मिली थी.
2024 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा सीटों के आंकड़े
वैसे, 2024 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा सीटों के आंकड़े पर गौर करे तो झारखंड के 81 सीटों में से 49 पर एनडीए को बढ़त मिली थी , जबकि 26 पर इंडिया ब्लॉक को. पांच सीटों पर मुकाबला बराबरी का रहा था. जिन सीटों पर एनडीए को बढ़त मिली थी, उनमें नाला, दुमका, जामा, सारठ, जरमुंडी, देवघर, पोडैया हाट , गोड्डा, कोडरमा, बरकट्ठा, धनवार, बगोदर, जमुआ, गांडेय , बरही , बड़कागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, चतरा, लातेहार, गिरिडीह, गोमिया, बेरमो, बाघमारा, बोकारो, चंदन कियारी, सिंदरी, निरसा, धनबाद, झरिया, बहरागोड़ा, पोटका, जुगसलाई,जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी, इचागढ़, सिल्ली , रांची, हटिया, कांके, सरायकेला, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद, भवनाथपुर, गढ़वा शामिल है. जबकि इंडिया ब्लॉक को जिन 26 सीटों पर बढ़त मिली थी ,उनमें राजमहल, बोरियो , बरहेट, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, जामताड़ा, मधुपुर, खिजरी, चाईबासा,मझ गांव, जगन्नाथपुर, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खरसावां, तमार, तोरपा, खूंटी, सिमडेगा, कोलेबिरा, मांडर, सिसई, गुमला, बिशनपुर और लोहरदगा शामिल थे. पांच विधानसभा सीटों में मुकाबला बराबरी का रहा था. उनमें महागामा, मनिका, डुमरी, टुंडी और घाटशिला शामिल थी. .
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो