धनबाद(DHANBAD) | धनबाद के आईआईटी आईएसएम के छात्रों पर धनवर्षा शुरू हो गई है. जिन पर धनवर्षा हो रही है ,वह छात्र 2024 बैच के है. सूत्रों के अनुसार गूगल ने कुल नौ छात्रों को 50 लाख से अधिक का सालाना पैकेज दिया है. अन्य कंपनियों ने भी अच्छी धनवर्षा की है. केंपस प्लेसमेंट के पहले दिन 2024 बैच के छात्रों की बल्ले बल्ले रही. शुक्रवार को लगभग 25 कंपनियों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ. कई ने तो फाइनल रिजल्ट भी जारी कर दिया है. आठ कंपनियों ने 62 छात्राओं को जॉब ऑफर किया है. इनमें गूगल ने नौ को जॉब ऑफर किया है.
2024 बैच के छात्रों की बल्ले बल्ले
सूत्रों के अनुसार इन छात्रों को 50 लाख से अधिक का सालाना पैकेज मिला है. वैसे संस्थान की ओर से अभी ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि 9 छात्रों को 50 लख रुपए से अधिक का पैकेज मिला है. वर्ष 2022 में 300 से अधिक कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. 1154 छात्रों को ऑफर मिले थे. 11 का अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में प्लेसमेंट हुआ था. सर्वाधिक 56 लाख रुपए और औसत 17 लाख रुपए का सालाना पैकेज मिला था. 148 छात्रों को 30 लाख रुपए से अधिक, 642 को 10 से 30 लाख के बीच और 292 को 5 से 10 लाख रुपए के बीच का सालाना पैकेज मिला था. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आईएसएम को आईआईटी का टैग मिलने के बाद संस्थान का कद बढ़ा है. कंपनियों की रुचि बढ़ी है. छात्रों का आकर्षक पे पैकेज पर प्लेसमेंट हो रहा है. आईआईटी का टैग मिलने के पहले यह भारतीय खनिज विद्यापीठ यानी इंडियन स्कूल ऑफ माइंस के नाम से जाना जाता था.
अंग्रेजों के शासनकाल में ISM की स्थापना हुई थी
अंग्रेजों के शासनकाल में इसकी स्थापना हुई थी. वह साल 1926 का था. 2016 में ऐसे आईआईटी का टैग मिला. हालांकि टैग मिलाने से पहले से ही संस्थान में कई नए पाठ्यक्रम जोड़े गए थे. 2006 में, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने 14 नए पाठ्यक्रम जोड़े, जिनमें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और स्नातक पाठ्यक्रम में पर्यावरण इंजीनियरिंग का एक पाठ्यक्रम प्रमुख था. 2006 से, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने एप्लाइड फिजिक्स, एप्लाइड केमिस्ट्री और गणित और कंप्यूटिंग में इंटीग्रेटेड मास्टर ऑफ साइंस (इंट एमएससी) और एप्लाइड जियोलॉजी और एप्लाइड के लिए इंटीग्रेटेड मास्टर ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (इंट एमएससी टेक) पाठ्यक्रम की पेशकश भी शुरू की. भूभौतिकी 2011 में, संस्थान ने केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक कार्यक्रम की पेशकश की. संस्थान ने 2013 में सिविल इंजीनियरिंग और 2014 में इंजीनियरिंग फिजिक्स की शुरुआत की थी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो