दुमका(DUMKA):मौसम की बेरुखी से हर कोई परेशान है. सुबह होते ही आसमान से सूर्य की रोशनी नहीं बल्कि मानो आग का गोला गिरता है. पारा 45 डिग्री सेल्शियस के पार है. हीटवेब के साथ उमस भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल हो गया रखा है. सुबह 9 बजे के बाद सड़कें बीरान नजर आती है. सूर्य देवता के प्रकोप से बचने के लिए लोग अपने आप को घरों में कैद कर ले रहे हैं.
मौसम की बेरुखी से लोग परेशान
गर्मी से निजात पाने के लिए लोग इंद्र भगवान की तरफ टकटकी लगाए बैठे है. लेकिन बर्षा होने का नाम नहीं ले रहा है. इस सब के बीच सावन का पवित्र महीना आने में महज कुछ ही दिन शेष बचा है. दुमका जिला प्रशासन की ओर से बासुकीनाथ धाम में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है. प्रशासन का यह प्रयास है कि राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव 2023 में बासुकीनाथ धाम आने वाले देश विदेश के श्रद्धालु एक सुखद अनुभूति लेकर वापस जाए. लेकिन प्रशासन का यह प्रयास तभी सफल हो सकता है जब इंद्र देव मेहरवान हो. आप भी सोच रहे होंगे कि प्रशासनिक तैयारी का भला इंद्र देव से क्या ताल्लुकात है? तो हम आपको बताते हैं.
इंद्रदेव नहीं हुए मेहरबान तो शिव भक्तों को होगी परेशानी
दरअसल जिला प्रशासन की ओर से समय-समय पर बासुकीनाथ मंदिर से सटे शिवगंगा की सफाई कराई जाती है. मकशद होता है कि यहां आनेवाले श्रद्धालु शिवगंगा के स्वच्छ जल में आस्था की डुबकी लगाकर फौजदारी बाबा पर जलार्पण करें. वर्ष 2016 में शिव गंगा की सफाई हुई थी. 7 वर्षो में शिवगंगा का जल काफी दूषित हो जाने की वजह से वर्ष 2023 के श्रावणी मेला के मद्देनजर इस वर्ष भी शिव गंगा की सफाई का कार्य शुरू किया गया.
मोटर लगाकर शिवगंगा के पानी को बाहर निकाला गया
मोटर लगाकर शिवगंगा के पानी को बाहर निकाला गया. ट्रेक्टर की मदद से शिवगंगा में जमे गाद और कीचड़ को बाहर निकाला गया. शिवगंगा पूरी तरह साफ हो चुका है. अब इंतजार है इंद्रदेव की मेहरबानी का. बर्षा होगी तो शिव गंगा में जल भरेगा और श्रद्धालु स्वच्छ जल में आस्था की डुबकी लगाएंगे. लेकिन मौसम की बेरुखी ने जिला प्रशासन, बासुकीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और आम श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है. सबों की जुबान पर बस एक ही चर्चा है कि अगर बर्षा नहीं हुई तो क्या होगा?
डीप बोरिंग के जरिए शिवगंगा में पानी भरने की योजना
प्रशासनिक स्तर से वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी भी की जा रही है. पहले मोतिहारा नदी से पीएचईडी के पाइप लाइन के जरिए शिवगंगा में पानी भरा जाता था. लेकिन इस वर्ष मोतिहारा नदी पूरी तरह सूख चुकी है. बासुकीनाथ नगर पंचायत क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा गया है. ऐसी स्थिति में पीएचईडी के सहारे शिवगंगा को नहीं भरा जा सकता. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शिवगंगा तट पर दो डीप बोरिंग पहले से ही किया गया है. तीसरा डीप बोरिंग किया जा रहा है. अगर सावन आने तक बर्षा नहीं हुई तो तीनों डीप बोरिंग के जरिए ही शिवगंगा में पानी भरने की योजना है. यह कितना कारगर होगा यह समय बताएगा.
रिपोर्ट-पंचम झा