रांची (RANCHI) : झारखंड में इस बार लोकसभा चुनाव कई मायनों में अलग होने जा रहा है. इस का चुनाव परिणाम भी काफी चौंकाने वाला होगा. क्योंकि में मैदान में मुकाबला काफी दिलचस्प होगा. राज्य के 14 सीटों पर एनडीए उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. वहीं इंडिया गठबंधन के 12 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं. इन उम्मीदवारों की घोषणा में सबसे बड़ी बात ये है कि इस बार चुनाव में झारखंड के छह सीटों पर सात महिला प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रही है. जिसमें एनडीए के तीन अन्नपूर्णा देवी, गीता कोड़ा, सीता सोरेन और इंडिया गठबंधन के चार उम्मीदवार जोबा मांझी, ममता भूइंया, दीपिका पांडेय सिंह, अनुपमा सिंह शामिल है, जो विरोधियों को इस बार के चुनाव में टक्कर दे रही है.
कोडरमा में अन्नपूर्णा देवी का मुकाबला विनोद सिंह से
भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं. वो पहले राजद में थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थीं. पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया. संसद बनने के बाद केंद्रीय मंत्री भी बनी. इस बार इनका मुकाबला माले उम्मीदवार व बगोदर विधायक विनोद सिंह होगा. उन्हें महिलाओं व स्वजातीय के वोटर्स पर भरोसा है. वहीं विनोद सिंह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. वे एक स्वच्छ छवि के नेता हैं. विनोद सिंह को वोटरों को रिझाने में महारथ हासिल है.
सिंहभूम सीट पर दो महिलाओं के बीच टक्कर
झारखंड के सिंहभूम सीट पर इस बार महिला उम्मीदवारों के बीच टक्कर है. झामुमो ने पांच बार के विधायक जोबा मांझी टिकट दिया है. इनका मुकाबला अभी हाल ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाली गीता कोड़ा से होगा. जोबा मांझी एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं और उनकी छवि भी स्वच्छ है. वे पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. वहीं 2019 में कांग्रेस कोटे से सांसद बनी गीता कोड़ा दूसरी बार चुनावी मैदान में है.
दुमका से सीता सोरेन ठोक रहीं हैं ताल
दुमका सीट पर इस बार सबकी निगाहें हैं. क्योंकि दिशोम गुरु शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने परिवार और झामुमो से नाता तोड़ कर अभी हाल में बीजेपी में शामिल हुई. भाजपा ने भी सुनील सोरेन का टिकट काटकर उन्हें उम्मीदवार बनाया. इनका सामना झामुमो के वरिष्ठ नेता नलिन सोरेन से होगा.
धनबाद से अनुपमा सिंह अजमा रहीं हैं किस्मत
कांग्रेस ने धनबाद सीट से अनुपमा सिंह को टिकट दिया है. अनुपमा सिंह पूर्व मंत्री व दिग्गज नेता रहे स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह की बहू हैं. उनके पति अनूप सिंह उर्फ कुमार जयमंगल बेरमो से विधायक हैं. अनुपमा सिंह को राजनीति विरासत में मिली है. जब से उनकी घोषणा हुई है तब से उनको अपार जनसमर्थन मिल रहा है. महिलाओं के साथ-साथ सवर्ण जाति का भी सपोर्ट मिल रहा है. वहीं भाजपा ने बाघमारा से तीन बार के विधायक ढुल्लू महतो को टिकट दिया है. ढुल्लू के मैदान में उतरने से पार्टी में हंगामा मचा हुआ है. क्योंकि इनपर कई आरोप भी लगते रहे हैं और जेल भी जा चुके हैं. कांग्रेस को भरोसा है कि इस बार के चुनाव में पार्टी फतह हासिल कर सकती हैं.
राजद की ममता भूइंया बीडी राम को दे रही टक्कर
पलामू से राजद ने ममता भूइंया को टिकट दिया है. राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखने वाली ममता भूइयां जिला परिषद सदस्य हैं. भूइयां समाज का एक बड़ा वोट बैंक इनके साथ है. वहीं बीजेपी ने दो बार सांसद बीडी राम को मैदान में उतारा है. इस बार बीडी राम का जनता विरोध भी कर रही है, जो पार्टी के लिए एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है.
गोड्डा से कांग्रेस को दीपिका पांडेय सिंह पर भरोसा
गोड्डा से कांग्रेस ने महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह को मैदान में उतारा है. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहीं दीपिका पांडेय सिंह का मुकाबला तीन के बार सांसद रह चुके बीजेपी प्रत्याशी नीशिकांत दुबे से होगा. वो राहुल गांधी की टीम में भी काम कर चुकी हैं. इनपर कांग्रेस को पूरा भरोसा है.