टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के मजदूरों का विदेश में फंसने का सिलसिला थमा नहीं है, बल्कि अभी भी जारी है. रोजी-रोटी के लिए दूसरे देश गये इन मजदूरों को अपने देश वापसी की टकटकी लगाए हुए हैं. दरअसल, झारखंड के 45 मजदूर साउदी अरब में जाकर फंस गये हैं. इन्हें काम करवाकर कंपनी ने पांच महीने से मजदूरी नहीं दी है, जिसके चलते खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है. मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर अपने दर्द को साझा किया. इन मजदूरों ने सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई.
सरकार से मदद की लगायी गुहार
प्रवासी मजदूरों के लिए मददगार बनते रहे औऱ उनके हित लगातार काम करने वाले सिकंदर अली ने भारत और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगायी है. उनका कहना कि रोजगार के नहीं होने के चलते झारखंड में आए दिन कही न कही इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं. रोजी-रोटी की तलाश में सात समंदर पार लोग जाते हैं. लेकिन, उनके लिए वहां के हालात साजगार नहीं होते. तरह-तरह की परेशानियां औऱ कष्ट झेलने पड़ते हैं. इस हालात में मजदूर बड़ी मुश्किल से अपने देश लौट पाते हैं. उन्होंने सरकार से मजदूरों के पलायन रोकने के लिए रोजगार के इंतजाम की जरुरत बताया.
विदेश में फंसे मजदूरों के नाम
झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के तारानारी के अर्जुन महतो, भागिरथ महतो, टेकलाल महतो, बेको के संतोष साव, महेश साव, कामेश्वर साव, खेतको के महेश महतो, रीतलाल महतो, विजय महतो, मुंडरो के अशोक महतो जरमुने सोहन कुमार, डुमरी प्रखंड के बरियारपुर इंद्रदेव महतो, चैनपुर के राजेश कुमार महतो, पोरदाग गणेश साव, डुमरी के सुभाष कुमार, जानकी महतो
बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के पोखरिया जगदीश महतो, गोनियाटो रामचंद्र महतो, गोमिया प्रखंड के करी के प्रदीप महतो, सीधाबारा के मनोहर महतो
हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ प्रखंड के अचलजामू के सहदेव राजवार, रूपलाल महतो, करगालो के बहादुर महतो, नागेश्वर महतो, सीतल महतो, रोहित महतो, मेघलाल महतो, रंजन राज मेहता, सारूकुदर के भैरो महतो, उच्चाघाना के सुकर महतो, नंदलाल महतो, लोकनाथ महतो, सुनिल महतो, बलकमक्का के तिलक महतो, थानेश्वर महतो, अम्बाटांड महानंद पटेल, प्रमोद महतो, अनंतलाल महतो, खरकट्टो के तापेश्वर महतो, सीरैय के टोकन सिंह, अलखरी के धानेश्वर महतो, नागी चुरामन महतो, केन्दुवाडीह के भुनेश्वर महतो, जितेंद्र महतो, बरकट्ठा प्रखंड के गोरहर के बालगोविंद महतो शामिल है