टीएनपी डेस्क (TNP DESK): प्रकृति की गोद में बसा दलमा सेचुरी पिछले पांच दिनों से आग की लपटों से घिरा है. बढ़ती गर्मी और तपिश के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया है. वहीं आग लगने से 30 एकड़ जंगल पूरी तरह जल गया है, जिसमे हजारों पेड़-पौधे झुलस गए हैं. तो वहीं कई वन्य प्राणियों को काफी नुकसान हो रहा है. लेकिन वन विभाग इस आग को बूझाने में नाकाम साबित हो रही है. पिछले पांच दिनों से वन विभाग के कर्मी आग पर काबू पाने में जुटे है. लेकिन वन विभाग का यह प्रयास धरातल पर विफल साबित हो रही है.
सोमवार को पहाड़ में लगी थी आग
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को दोपहर एनएच किनारे स्थित कुमरुम बस्ती के पहाड़ी पर आग लगी थी. वन विभाग पांच दिनों से आग बुझाने का दावा कर तो रहा है. लेकिन आग अब तक नहीं बुझ पाई है. गुरूवार को भी दिन भर एनएच किनारे स्थित दलमा पहाड़ आग से धधकता रहा. फायर ट्रैकर आग बुझाने में जुटे हुए हैं लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है. आग धीरे-धीरे और फैल रही है.
आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग नहीं कर रहा कोई पहल
वन विभाग दलमा को आग से बचाने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा है. यहां इको टूरिज्म योजना के तहत मड हाउस, केएनओपी ब्रिज, म्यूजियम, गेस्ट हाउस समेत लाखों की लागत से पर्यटकों की सुविधा के लिए कई निर्माण हुए. सफारी भी शुरु की गई. लेकिन सवाल यह उठता है कि वन विभाग हर वर्ष गर्मी में लगने वाली आग पर काबू पाने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था विभाग के द्वारा किया जा रहा है या नहीं. क्योंकि दलमा में हर साल गर्मी में आग से कई एकड़ जंगल जल जाते है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 195 स्क्वायर किमी में फैसे इस दलमा सेंचुरी को आग से बचाने के लिए विभाग ने सिर्फ 42 फायर ट्रैकरों को तैनात किया गया है. तो ऐसे में यह सवाल खड़ा होना लाजमी है कि वन विभाग केवल 42 फायर ट्रैकरों से आग पर कैसे काबू पाएगा.
आग पर काबू पाने के लिए लगातार किया जा रहा प्रयास
मामले की जानकारी देते हुए रेंजर दिनेश चंद्र ने बताया कि दलमा में आग पर काबू पाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. 42 फायर ट्रैकर तैनात किए गए हैं. कई जगहों पर फायर लाइन भी बनाया गया है. महुआ चुनने के लिए ग्रामीण जंगल में आग लगा रहे हैं.