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जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : दीपावली के तीसरे दिन गोधन कुटाई की परंपरा है. ऐसी मान्यता है कि गोधन कूटने से और परिवार के लोगों को श्राप देने से यमराज खुश होते हैं. यमराज को दूर भगाने के लिए गोधन कुटाई की परंपरा सालों से चली आ रहा है. शहर हो या ग्रामीण इलाके दीपावली के तीसरे दिन महिलाएं और युवतियां अपने अपने परिवार के लोगों को पहले श्रापती हैं और फिर उनके जीवित होने की कामना करती हैं. रेगनी के कांटे को जीभ में गड़ा कर इस परंपरा को पूरा किया जाता है. ऐसी मान्यता है रेगिनी की कांटा जीभ में चुभोने से पर्व की शुरुआत होती है. आज के दिन ऐसा नज़ारा आम है जहां महिलाएं एक समूह में मोहल्ले में बैठकर गीत गाकर परिवार के लोगों को श्राप देती हैं और फिर उनके जीवित होने की कामना करती हैं.
रिपोर्ट: अन्नी अमृता, जमशेदपुर
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