टीएनपी डेस्क (TNP DESK):- झारखंड में कोयला खनन के बाद खुली छोड़ दी गई राज्य की 11 बड़ी खदानों को भरने की प्रक्रिया जल्द शुरु होगी . इन्हें भरकर उपजाऊ बनाया जाएगा. सीसीएल और सीएमपीडीआई ने इसके लिए लिए सर्वे शुरु कर दिया है . सोमवार से शुरु हुई इस प्रक्रिया में ड्रोन से सर्वे किया जा रहा है .सीसीएल, सीएमपीडीआई और सरकार की संयुक्त कमेटी इसका सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट के बाद ही यह तय होगा कि खदान की भराई किस तरह की जा सकती है.
नौ अगस्त तक सर्वे का लक्ष्य
हाल ही में हुई नीति आयोग की बैठक हुई थी. जिसमे सीसीएल ने पहली बार माइंस क्लोजर की जानकारी दी. गौरतलब है कि संयुक्त सर्वे टीम के लिए सीसीएल ने राज्य सरकार से अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा था. इसके बाद सरकार ने जिले के खनन पदाधिकारियों को ही टीम का नोडल अधिकारी नियुक्ति कर दिया. यह टीम अलग-अलग जिलों में स्थित खदानों की फोटो और क्षेत्रफल की विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी. खदानों का सर्वे नौ अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उठाया था मुद्दा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले साल दिसंबर में हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया था. वहीं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भी पिछले साल नवंबर में दिल्ली में हुई प्री बजट मीटिंग में माइंस क्लोजर की मांग उठाई थी. वित्त मंत्री ने कहा कि दशकों पहले जहां खनन बंद हो गया है, उन खदानों को वैसे ही छोड़ दिया गया है. जबकि इसकी भराई अब तक हो जानी चाहिए थी. इससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. अवैध खनन के साथ दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.