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झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा ठप, बकाया वेतन की मांग को लेकर कर्मी बैठे हड़ताल पर, मरीजों की बढ़ी परेशानी

झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा ठप, बकाया वेतन की मांग को लेकर कर्मी बैठे हड़ताल पर, मरीजों की बढ़ी परेशानी

रांची(RANCHI): झारखंड के सभी जिलों में दो दिनों से 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप है. एंबुलेंस 108 सेवाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. राज्य भर में लगभग 500 एंबुलेंस का संचालन होता है, जिसमें से 36 एंबुलेंस का संचालन रांची में होता है. लेकिन दो दिनों से रांची की सड़कों पर एक भी एंबुलेंस दिखाई नहीं दे रही है. कर्मियों ने एंबुलेंस सदर अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में खड़ा कर दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि, जब तक दो महीने का बकाया और सितंबर महीने का वेतनमान उन्हें नहीं मिलेगा तब तक वे सेवा बहाल नहीं करेंगे.

स्वास्थ्य मंत्री से मिलने पहुंचे एंबुलेंस कर्मियों को प्रशासन ने हटाया

बता दें कि, अक्टूबर से ही सभी 108 एंबुलेंस कर्मी वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं. एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से कई बार बातचीत करने की भी कोशिश की. लेकिन हर बार कर्मियों को बातचीत करने का आश्वासन देकर उन्हें गुमराह कर दिया गया. वहीं, आज भी एंबुलेंस कर्मी स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करने उनके मोरहाबादी स्थित आवास पर पहुंचे. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री से नहीं मिल पाए. प्रशासन की ओर से उन्हें वहां से हटा दिया गया.

इस दौरान हड़ताल पर पहुंचे एंबुलेंस चालकों ने स्वास्थ्य मंत्री का विरोध करते हुए कहा कि हमें गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. तीन महीने से वेतन न मिलने के कारण हमारे परिवार को हम दो समय का भोजन नहीं दे पा रहे हैं. साथ ही बच्चों की स्कूल फ़ीस नहीं भरने पर उन्हें स्कूल से बाहर कर दिया जा रहा है. लेकिन सरकार को हमारा यह दर्द नज़र नहीं आ रहा है.

सरकार को नहीं दिख रहा हमारा दर्द

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि कोविड समय में अपने परिवार वालों से दूर रह कर भी हमने सेवा दी है. लेकिन अब हेमंत सरकार को ही हमारा दर्द नहीं दिख रहा है. सेवा देने के लिए हम हमेशा खड़े रहते हैं. खाना खाने के दौरान भी अगर कॉल आ जाए तो बिना खाए-पिए भी हम अपनी सेवा देने को तत्पर रहते हैं.

एंबुलेंस चालकों की मांग

हड़ताल कर रहे चालकों की मांग है की उन्हें दो महीने का बकाया वेतन और सितंबर महीने का वेतन दिया जाए. उनके वेतन में वृद्धि की जाए. ठेका प्रथा हटाया जाए. हमारी नौकरी स्थायीकरण की जाए.

निजी वाहनों का लेना पड़ रहा सहारा

वहीं, कर्मचारियों के इस हड़ताल का खामियाजा मरीजों और परिवार वालों को भुगतना पड़ रहा है. मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए परिजन लगातार 108 नंबर पर संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उन्हें किसी तरह का जवाब नहीं मिल रहा है. ऐसे में परिजनों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं, 108 एंबुलेंस की सेवा ठप होने का फायदा निजी एंबुलेंस उठा रहे हैं. निजी एंबुलेंस मरीजों से अपनी मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. मजबूरी में परिजनों के पास और कोई विकल्प भी नहीं है.

Published at:15 Oct 2024 03:09 PM (IST)
Tags:108 एंबुलेंस 108 एंबुलेंस सेवा ठप बकाया वेतन एंबुलेंस कर्मी हड़ताल स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता बन्ना गुप्ता रांची झारखंड झारखंड न्यूज108 ambulance 108 ambulance service stalled outstanding salaries ambulance workers strike Health Minister Banna Gupta Banna Gupta Ranchi Jharkhand Jharkhand News
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