टीएनपी डेस्क(TNP DESK):इन दिनों आये दिन सोश मीडिया और टीवी में समाचार के माध्यम से सड़क पर घुमते अवारा कुत्तों के आतंक का वीडियो देखने को मिलता है, जहां अवारा कुत्ते जहां भी बच्चों या खासकर बुजुर्गों को अकेले पाकर उनपर हमला कर देते है, जिसमे लोग बुरी तरह से घायल हो जाते है, कभी-कभी लोगों की मौत भी हो जाती है.जिसको देखते हुए सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है.
स्थानीय प्रशासन और नगर निकाय को लेनी होगी जिम्मेदारी
आपको बताये कि देशभर में बढ़ते आवारा कुत्तों के हमलों और डॉग बाइट की घटनाओं को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. और कहा है कि अगर किसी भी इलाके में किसी पर यदि अवारा कुत्ते किसी पर भी हमला करते है तो इसकी सीधी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन और नगर निकाय की होगी.सरकार ने साफ कर दिया है कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
सरकार की ओर से दिया गया है ये निर्देश
सरकार की ओर से जो निर्देश दिया गया है कि आवारा कुत्तों की संख्या, नसबंदी, टीकाकरण और डॉग बाइट मामलों की मासिक रिपोर्ट को नगर निगम, नगर परिषद और पंचायत स्तर पर अनिवार्य तैयार करना है और उच्च अधिकारियों को भेजनी है.इस रिपोर्ट में पिछले महीने में कितने डॉग बाइट के मामले सामने आए और उनके बाद क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी देनी है.
कई राज्यों से डॉग बाइट की घटनाएं तेजी से बढ़े है
दरअसल, कुछ महीनों में देश के कई राज्यों से डॉग बाइट की घटनाएं तेजी से बढ़े है.जिसकी वजह से बच्चों, बुजुर्गों और राहगीरों में आम लोगों में डर का माहौल है. कई मामलों में इलाज में देरी और लापरवाही के कारण गंभीर परिणाम भी देखने को मिले है,जिसको देखते हुए सरकार ने यह सख्त निर्देश जारी किए है.
प्रशासन को करनी होगी ये कार्रवाई
सरकार की ओर से प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि आवारा कुत्तों की गिनती और पहचान,नियमित नसबंदी और एंटी-रेबीज टीकाकरण,डॉग बाइट पीड़ितों को तुरंत इलाज और मुआवजा प्रक्रिया की जानकारी,हर महीने डॉग बाइट मामलों की विस्तृत रिपोर्ट संवेदनशील इलाकों की पहचान और विशेष निगरानी सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर किसी क्षेत्र में लगातार डॉग बाइट की घटनाएं होती हैं और समय पर कदम नहीं उठाए जाते, तो संबंधित अधिकारी और निकाय पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.इसमे नोटिस, वेतन कटौती से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई संभव है .
