धनबाद(DHANBAD): जिले के झरिया के मोहलबनी घाट पर रविवार को काफी भीड़ थी. एक तरफ श्रद्धालु दामोदर नदी में स्नान कर पुण्य के भागी बन रहे थे तो दूसरी ओर नाचते गाते महिला-पुरुष टुसू का विसर्जन कर रहे थे. दृश्य काफी मनमोहक था. लोगों का उत्साह चरम पर दिख रहा था. खिचड़ी भोग का वितरण भी किया जा रहा था. हजारों श्रद्धालु नर-नारी दामोदर नदी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद ईश्वर की आराधना की और जीवन में तरक्की और खुशहाली की कामना की. साथ ही दान-पुण्य कर पुण्य के भागी बने. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की भी व्यवस्था की गई थी. मकर संक्रांति में गंगा स्नान का बड़ा महत्व है. लेकिन जो लोग गंगा स्नान को नहीं जा पाते, वह अगल-बगल के नदी और नदियों में स्नान कर पुण्य के भागी बनते है.
दामोदर नदी पर रविवार को काफी भीड़ जुटी
कोयलांचल में शनिवार को भी मकर संक्रांति मनाया गया, लेकिन अधिक संख्या में लोग रविवार को ही मकर संक्रांति मना रहे हैं. इस वजह से दामोदर नदी पर रविवार को काफी भीड़ जुटी. आज मकर संक्रांति से खरमास खत्म हो गया, इसके साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगी रोक भी खत्म हो गई और विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य अब शुरू हो जाएंगे. पंचांग के मुताबिक जनवरी महीने में विवाह के कुल 9 शुभ मुहूर्त है. वैसे मकर संक्रांति के दिन झारखंड, यूपी और बिहार में दही-चूड़ा का भोग लगता है. यह भोग सूर्य देवता को अर्पण होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से रिश्ते में मजबूती आती है. दही-चूड़ा और खिचड़ी दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच भी बांटा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन दही, चूड़ा और खिचड़ी खाने से सौभाग्य और यश की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. गंगा घाटों पर तो आज गजब की भीड़ देखी गई. कोरोना के बाद लोगों को इस साल खुलकर त्योहार मनाने का मौका मिला है.
रिपोर्ट : संतोष, धनबाद