जमशेदपुर: क्लीन एयर झारखंड की ओर से गुरुवार को ‘वायु वीर’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई. साथ ही 12 दिसंबर 2023 से 10 जनवरी 2024 तक चार वायु वीरों की ओर से इकठ्ठा किए एयर क्वालिटी के आंकड़ों के आधार पर बनी रिपोर्ट भी जारी की गई. यह आंकड़ें इन्होंने एक सेंसर बेस्ड एयर मॉनिटरिंग डिवाइस के माध्यम से इकठ्ठा किए हैं. सभी वायु वीर 18-22 साल की उम्र के हैं. इस अध्ययन में व्यक्तिगत वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग के माध्यम से हवा की गुणवत्ता, प्रदूषण स्रोतों और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव को समझा गया है. आंकड़ों में सामने आया कि चारों वायु वीरों ने पूरे महीने जिस हवा में सांस ली वह राष्ट्रीय मानकों से कहीं ज़्यादा थी.
कौन हैं वायु वीर?
चारों 'वायु वीर' रिंकी पाल, अर्पिता सोरेन, सोम कंसारी और वर्षा समाज के पिछड़े वर्गों से ताल्लुक रखते हैं. इनके परिवार कचरा बीनने, घरेलू काम या मजदूरी के काम से जुड़े हैं.
चारों वायु वीर ने 12 दिसंबर 2023 से 10 जनवरी 2024 तक खुद एयर क्वालिटी का डेटा जमा किया. वायु वीरों के दो सदस्य जमशेदपुर शहर के (बर्मा माइंस, सिद्धू कानू बस्ती) और दो अन्य शहर के नरवापहार और सुंदरनगर इलाके में रहते हैं.
मानक से 10 गुना ज्यादा तक प्रदूषित है हवा
12 दिसंबर 2023 से 10 जनवरी 2024 तक चारों वायु वीर ने अपनी दिनचर्या के दौरान एयर क्वालिटी को मापा. आंकड़ों में सामने आया कि इस एक महीने के दौरान
PM2.5 (60 µg/m³) और PM10 (100 µg/m³) का पूरे दिन ka औसत राष्ट्रीय मानकों कहीं ज्यादा था. वायु वीर सोम ने पीएम 2.5 का स्तर सबसे अधिक पाया. यह 607 µg/m³ था. जो अनुमति सीमा से लगभग 10 गुना ज्यादा है.
क्या है वायु वीर कार्यक्रम?
वायु वीर कार्यक्रम जमशेदपुर में स्वच्छ हवा के लिए युवाओं और महिलाओं को सशक्त करने की एक पहल है. यह अनूठी पहल वायु प्रदूषण से सबसे अधिक प्रभावित रहने वाले, लेकिन आमतौर पर वायु प्रदूषण के प्रभावों पर होने वाली चर्चा से बाहर रहने वालों के साथ जुड़ती है. साथ ही सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से स्वच्छ हवा के प्रयासों में एक नया दृष्टिकोण स्थापित करती है.
क्लीन एयर झारखंड की सदस्य और महिला कल्याण समिति की संस्थापक अंजली बोस कहती हैं, “यह हमारे कार्यक्रम की शुरुआत है. इस पहल के हिस्से के रूप में, 'वायु वीर' अपने अनुभवों और मांगों को विभिन्न समुदायों, स्थानीय प्राधिकारियों, सरकारी एजेंसियों, सीएसओ और मीडिया जैसे विभिन्न माध्यमों के माध्यम से चौपाल, मीटिंग आदि के माध्यम से साझा करते रहेंगे. हमारा लक्ष्य वायु प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. साथ ही जन सहभागिता की आवश्यकता को बढ़ाना है और स्वच्छ हवा की पहल को प्राथमिकता देना है।”
क्या कहते हैं वायु वीर
वायु वीर रिंकू पाल अपना अनुभव साझा करते हुए कहते हैं, "हम समुदायों, नीति निर्माताओं और जिम्मेदारों के साथ हवा की सफाई पर हमारे संगठन को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम तीन मुख्य मांगों के लिए अनुरोध कर रहे हैं जिनमें एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग में वृद्धि, वायु प्रदूषण पर आधारित कार्यक्रम और एयर क्वालिटी डेटा के लिए जन सहयोग शामिल है."
वायु वीर अर्पिता सोरेन ने कहती हैं, "मेरी मां आमतौर पर मेरे अपार्टमेंट में हर सुबह और शाम धूपबत्ती और मिट्टी के दिए जलाती थीं. अध्ययन के दौरान, मैंने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि मुझे इस बात का अहसास हुआ कि यह मेरे द्वारा ली जाने वाली सांस को भी प्रदूषित करता है. मेरे पास मॉनिटर था जिसने उस समय पर स्पाइक्स दिखाए. इसलिए, अध्ययन के दौरान और बाद में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है.