धनबाद (DHANBAD) : कोयलांचल में "पेपर टाइग रो" की कमी नहीं है .कागज पर हो अथवा जुबान पर, जब भी किसी से बात करिए तो यही जवाब मिलेगा की हमारी सरकार ने यह कर दिया, हमारी सरकार ने वह कर दिया, वर्तमान सरकार कुछ नहीं कर रही है. सरकार में शामिल दलों से बात करिए तो कहते हैं कि पूर्ववर्ती सरकार ने ऐसा कर दिया, जिस वजह से काम आगे नहीं बढ़ रहा है. ऐसा ही कुछ दुर्भाग्य हुआ है धनबाद के अंतर प्रांतीय प्रस्तावित बस अड्डे के साथ. धनबाद में 6 विधायक हैं, सत्ता पक्ष के भी हैं और विपक्ष के भी. भाजपा से सांसद भी है बावजूद सभी योजनाओं की तरह अंतर प्रांतीय बस अड्डे का काम भी संचिका संचिका खेल रहा है. शहर से बस डिपो को बाहर करने की योजना जमीन नहीं मिलने के कारण अटक गई है. किसी भी बड़े शहर में बस डिपो को शहर से बाहर रखा जाता है. लेकिन धनबाद में शहर के बीचो बीच बस अड्डा है. बिहार, बंगाल और उड़ीसा से आने वाली गाड़ियां यही रूकती है. इस वजह से जाम लग जाता है. बर टांड बस स्टैंड को शहर से बाहर करने के लिए योजना 5 साल पहले बनी लेकिन यह योजना फाइलों में धूल फांक रही है. पंडुकी में अंतर प्रांतीय बस टर्मिनल बनाने की योजना है. बस टर्मिनल के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. वैसे, कुछ जमीन सरकारी है. बाकी जमीन रैयत से खरीदनी है. जमीन खरीदने के लिए धनबाद नगर निगम ने भू अर्जन विभाग को भुगतान भी कर दिया है ,लेकिन 5 साल से जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है. बस अड्डे के निर्माण में पचास करोड़ खर्च होने का अनुमान है. सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है. बस स्टैंड, टिकट काउंटर, रेस्ट रूम समेत यहां सर्विस सेंटर होंगे. जुडको को डीपीआर बनाने की जिम्मेवारी दी गई है. जमीन अधिग्रहण के बाद ही टेंडर निकाला जा सकता है. धनबाद नगर निगम ने 5 साल पहले योजना का प्रस्ताव तैयार किया था. सरकार से मंजूरी मिली लेकिन जमीन के अभाव में योजना लटकी पड़ी रह गई. इस बस अड्डे के बन जाने के बाद दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियां वहीं रुकेंगे ,इसे शहर का लोड भी कम हो जाएगा. बंगाल और बिहार से जो बसें धनबाद बस डिपो आकर रूकती है ,अब वह वहीं रुक जाएंगे. निगम का कहना है कि अंतर प्रांतीय बस अड्डे के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है. कुछ जमीन को अधिग्रहण करना है. इसके लिए विभाग को 12 करोड़ का भुगतान किया गया है लेकिन जमीन अधिग्रहण के बाद ही टेंडर निकाला जा सकता है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद