चाईबासा (CHAIBASA) : राजनीतिक रूप से हाशिए पर जा चुके और जनता के द्वारा चुनाव में ठुकराए गए पूर्व में कांग्रेस में रहे वर्तमान में टीएमसी के नेता अपना भविष्य अंधकारमय प्रतीत होता देख,अनाप-शनाप बयान बाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. 2019 मधु कोड़ा और गीता कोड़ा के पार्टी में आने के पूर्व जिनका कांग्रेस में एक छत्र राज था, 2019 के पूर्व तक कांग्रेस की प० सिंहभूम जिला में शर्मनाक स्थिति किसी से छुपी नहीं है. 2019 के पूर्व कांग्रेस को नेतृत्व देने वाले के कारण पार्टी आम जनता से कटती चली गई, और पार्टी को कई शर्मनाक हार का सामना चुनाव में करना पड़ा. जबकि प० सिंहभूम में कांग्रेस हमेशा मजबूत स्थिति में अन्य दलों से आगे रहती थी और प० सिंहभूम जिला में कांग्रेस का गौरवमई इतिहास रहा है. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा का चुनाव हुआ तो अपनी उम्मीदवारी जगन्नाथपुर विधानसभा में ना होता देख कांग्रेस छोड़कर अन्य दल में चले गए लोग कांग्रेस में रहे तब भी और कांग्रेस छोड़ दी तब भी अन्य दल का एजेंडा चलाना कई लोगों का शगल बन गया है.
जाति-धर्म का लेकर विवाद नहीं छेड़ता कांग्रेस
कांग्रेस में जाति-धर्म का लेकर कभी भी कोई विवाद नहीं हुआ और ना ही कांग्रेस की ऐसी कोई नीति है. कांग्रेस ने सभी जाति धर्म मजहब को समान भाव से देखा है और इसके लिए कुर्बानियां भी दी है. दूसरे प्रदेश के राजनीतिक पार्टी टीएमसी के बैनर तले काम करने वाले केवल अपना मुंह कांग्रेस विरोध में ही खोलेंगे या जमीन पर उतर कर जनता के बीच जाकर काम करेंगे? किसी दल का चुनाव और पदाधिकारियों का नियुक्ति दलों का आंतरिक मामला होता है, दूसरे दल के लोग भला कब से कांग्रेस निर्देशित करने लगे? जिला कांग्रेस कमिटी, प०सिंहभूम अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी द्वारा नियुक्त झारखण्ड राज्य के सभी जिला अध्यक्षों का स्वागत करती है और राष्ट्रीय कांग्रेस एवं प्रदेश कांग्रेस के हर निर्णय का सम्मान करती है. मंगलवार को कांग्रेस भवन चाईबासा में बैठक कर कांग्रेसियों ने संयुक्त रूप से यह प्रतिक्रिया दी है. प्रतिक्रिया देने वालों में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास , प्रवक्ता जितेन्द्र नाथ ओझा, पूर्व महासचिव रविन्द्र बिरुवा, सांसद प्रतिनिधि त्रिशानु राय, राकेश कुमार सिंह, वरीय कांग्रेसी रंजीत यादव, संतोष सिन्हा, कार्यालय सचिव सुशील कुमार दास, राजू कारवा शामिल थे.
रिपोर्ट : संतोष वर्मा, चाईबासा