धनबाद(DHANBAD): गुरुवार को धनबाद नगर निगम में सब कुछ बदला- बदला हुआ था. 12 सितंबर को हुए हंगामे के बाद आज निगम मैनेजमेंट भी चौकस था तो दबंगों को भी गेट के बाहर ही रोक दिया गया था. दबंग भी आज उत्पात नहीं मचाए, वह भी निगम के आदेश को बिना किसी विरोध के स्वीकार कर लिया. काम तो 25 करोड़ का था. हालांकि इस रकम में कई काम है. 12 सितंबर को 13 करोड़ के काम के लिए रघुकुल और सिंह मेंशन समर्थक ठेकेदार भिड़ गए थे. टेंडर छीना छीनी हुई, टेंडर पेपर फाड़े भी गए. एक दूसरे को देख लेने की धमकी भी दी गई. फिर भी टेंडर पेपर पड़े और आगे की कार्रवाई हुई.
12 करोड़ के काम के लिए पड़े टेंडर
उसके बाद बचे 12 करोड़ के काम के लिए ठेकेदारों ने चतुराई दिखाई और सामूहिक बैठक की. इस बैठक में ठेकेदारों ने दावा किया था कि वह विशुद्ध रूप से ठेकेदार हैं, वह न सिंह मेंशन के समर्थक हैं और ना रघुकुल के. वह तो कमाने और परिवार चलाने के लिए ठेकेदारी करते है. लेकिन ठेकेदारों की वह बैठक पूरी तरह से सफल रही, जिसका नजारा आज निगम परिसर में दिखा. कहीं से कोई विरोध नहीं हो रहा था. गेट के बाहर भीड़ जरूर थी लेकिन भीतर पूरी तरह से शांति बनी हुई थी. निगम में आज 12 करोड रुपए के टेंडर पड़े, निगम ने 25 करोड रुपए के टेंडर निकाले थे, जिसमें 13 करोड रुपए के टेंडर 12 तारीख को डाले गए और आज 12 करोड रुपए के टेंडर डाले गए. 12 करोड़ में 50 योजनाओं का टेंडर है. सड़क, नाली निर्माण की इन योजनाओं के लिए धनबाद के ठेकेदारों ने बैठक की थी.
बैठक में ठेकेदारों का लिया गया निर्णय सफल दिखा
बैठक में आपसी सहमति से टेंडर डालने का निर्णय लिया था. वह निर्णय आज सफल दिखा. वैसे भी निगम के जो काम हो रहे हैं, उनमें कई जांच के दायरे में है. काम की गुणवत्ता को लेकर हमेशा सवाल खड़े किए जाते है. बहरहाल जो भी हो, आज निगम के ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारी सक्रिय थे. पुलिस भी चुस्त थी और दबंगो की कुछ भी नहीं चली और शांतिपूर्वक टेंडर डाल दिए गए. हां, इतना तो जरूर हुआ की 3 बजे तक जनता का कोई काम नहीं हुआ. जनता को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं थी. जो लोग आए बिना प्रवेश के ही लौट गए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो