गिरिडीह (GIRIDIH): झारखंड राज्य आईएमए एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को गिरिडीह जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी प्रखंडों में सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सकों ने एक दिन का हड़ताल किया जिसके कारण मरीजों का इलाज बाधित रहा.
चिकित्सकों में काफ़ी नाराजगी
बता दें कि चिकित्सकों ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा किए गए वादे पर अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाये जाने को लेकर चिकित्सकों में काफ़ी नाराजगी देखने को मिली. वही हड़ताल के कारण जिले के तमाम क्षेत्रों में स्थित सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सक अपने चिकित्सीय कार्य से अलग दिखे तथा सरकारी चिकित्सकों द्वारा किसी भी मरीज का इलाज ना ही गिरिडीह स्थित सदर अस्पताल में हुआ और ना ही जिले के अन्य प्रखंडों में स्थित सरकारी और प्राइवेट नर्सिंग होम में किया गया.
स्वास्थ्य मंत्री आश्वासन के बाद भी नहीं हुई मांग पूरी
इस संबंध में गिरिडीह सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बावजूद भी अब तक राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन बिल नहीं लागू किया गया है और ना ही 50 बेड वाले हॉस्पिटल और एकल क्लीनिक को क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त किया गया है. जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने इसके लिए आश्वासन दिया था कि वक्त आने पर ठोस पहल किया जाएगा लेकिन अभी तक स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस मुद्दे पर कोई पहल नहीं किया गया है.
मरीजों को नहीं हुई खास परेशानी
इसके कारण स्वास्थ्य मंत्री के वादाखिलाफी के विरोध में जिले के तमाम चिकित्सक एक दिन के हड़ताल में रहकर अपनी सेवाओं को ठप रखा लेकिन चिकित्सकों के एक दिन के हड़ताल में रहने के बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा आपातकालीन सेवा लागू किया गया था, जिसके कारण मरीजों को कोई खास परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. अब देखना होगा कि राज्य के चिकित्सकों के प्रति जो वादा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने चिकित्सकों से किया था वह कब तक पूरा हो पाएगा.
रिपोर्ट : दिनेश कुमार, गिरिडीह